क्या कभी आपने Lipoma के बारे में सुना है? लिपोमा एक बहुत ही आम सी बीमारी है लेकिन यह परेशानी आगे चलकर काफी गंभीर बन जाती है. अक्सर लोग इसे साधारण समझकर जनरअंजाद करने की भूल करते हैं, लेकिन ये आगे विकराल रूप ले लेती है. लिपोमा एक धीमी गति से बढ़ने वाला नरम ट्यूमर है जो आपकी त्वचा के नीचे फैट जमा होने के कारण होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या है Lipoma?
अक्सर ऐसा होता है कि जब तक शरीर में उभरने वाला कोई दाना या चोट हमें दर्द न दें तो हम उसपर ध्यान नहीं देते हैं और इग्नोर कर देते हैं, लेकिन कई बार ये बड़ी बीमारी का कारण बन जाते हैं. ऐसे ही कई बार शरीर के किसी हिस्से में गांठ बन जाती है, जिसमें दर्द नहीं होता है और हम इन्हें मामूली समझकर छोड़ देते हैं. मेडिकल भाषा में इस तरह की गांठ को लिपोमा (Lipoma) कहा जाता है. लिपोमा एक तरह की चर्बी की गांठ होती है जो शरीर के किसी भी हिस्से में उभर आती है. इन गांठों में दर्द नहीं होता है. हालांकि लाइपोमा की गांठे खतरनाक नहीं होती और अमूमन कैंसर भी नहीं होती हैं, लेकिन कई बार खतरा बढ़ने पर ये कैंसर का रूप धारण कर लेती हैं. इसका सीधा कनेक्शन मेटाबॉलिज़्म से होता है. यह सॉफ्ट टिश्यू ट्यूमर हैं. इसके अलावा शुगर, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल और जेनेटिक ट्रांसफर की वजह से भी ये हो सकती हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो हर 1,000 लोगों में से लगभग 1 को लिपोमा होता है. इसके अधिकतर केसेस 40 और 60 की उम्र के बीच में देखे जाते हैं.
लिपोमा के लक्षण –
-इनका आकार गोल या अंडाकार का होता है -इनका साइज 2 इंच से छोटा होता है -कई बार ये गांठ 6 इंच से अधिक चौड़ी हो सकती है -इनमें दर्द नहीं होता है -ये गर्दन, कंधे, हाथ, कमर पर होते हैं
लिपोमा कहां बढ़ते हैं?
लिपोमा शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकते हैं. अधिकांश लिपोमा त्वचा के ठीक नीचे विकसित होते हैं, जिनमे निम्न शामिल हैं. -हाथ या पैर -पीठ -गर्दन -कंधे -ट्रंक (छाती और धड़) -माथा
Lipoma का कारण-
वैसे तो Lipoma का कोई खास कारण नहीं होता है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये आनुवांशिक हो सकता है. हालांकि कुछ और स्थितियों के कारण शरीर पर कई लिपोमा बन जाते हैं, जैसे डर्कम रोग, गार्डनर सिंड्रोम, जेनेटिक मल्टिपल लिपोमैटोसिस और मैडेलुंग डिजीज. -कुछ वजहें हैं जैसे जेनेटिक. -चोट लगने पर भी लाइपोमा उस जगह पर हो सकता है, इसका भी कोई ठोस सुबूत नहीं है. -तीसरा है मेटाबॉलिक. अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा हो, डायबिटीज़ हो, मोटापा हो,आप एक्सरसाइज़ नहीं करते हों, ज़्यादा चलते फिरते न हों
कैसे करें बचाव
इस परेशानी का स्थाई इलाज सर्जरी को माना जाता है. सर्जरी के दौरान गांठ को हटा कर वहां पर एक ट्यूब डाल दी जाती है, जो ट्यूब वसा की कोशिकाओं से अतिरिक्त वसा को सोखने का काम करती हैं. इससे कुछ दहद तक राहत मिल सकती है.