भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सोमवार को जारी आदेश के अनुसार 31 जनवरी के बाद रद्द होने वाले फास्टैग के जरिये आप टोल पर फास्टैग से भुगतान नहीं कर पाएंगे. उपयोगकर्ताओं को ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ का भी पालन करना होगा और अपने बैंकों के माध्यम से पहले जारी किए गए सभी फास्टैग को हटाना होगा.
बिना फास्टैग के टोल पर दोगुना टैक्स देना पड़ सकता है. एनएचएआई ने इस संबंध में किसी तरह की सहायता या जानकारी के लिए फास्टैग उपयोगकर्ता अपने नजदीकी टोल प्लाजा या संबंधित जारीकर्ता बैंकों के टोल-फ्री ग्राहक सेवा नंबर पर संपर्क करने की सलाह दी है. असुविधा से बचने के लिए फास्टैग का इस्तेमाल करने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके लेटेस्ट फास्टैग की केवाईसी अपडेट हो. एनएचएआई के बयान में कहा गया है कि केवल नवीनतम फास्टैग आईडी ही सक्रिय रहेंगी.
आठ करोड़ चालक इसका इस्तेमाल कर रहे
देशभर में आठ करोड़ से अधिक वाहन चालक फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कुल वाहनों का लगभग 98 प्रतिशत है. इस व्यवस्था ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली की रफ्तार काफी तेज कर दी है. एनएचएआई ने यह कदम एक वाहन के लिए कई फास्टैग जारी किए जाने और आरबीआई के आदेश का उल्लंघन करते हुए केवाईसी के बिना फास्टैग जारी किए जाने की हालिया रिपोर्टों के बाद उठाया है.