अधूरी केवाईसी वाले 1.3 करोड़ म्यूचुअल फंड खातों पर रोक लगी
नई दिल्ली: अधूरी केवाईसी के कारण करीब 1.3 करोड़ म्यूचुअल फंड खातों पर रोक लगा दी गई है. केवाईसी रजिस्ट्रेशन संस्थाओं की मानें तो इन खातों के निवेशकों ने प्रारंभिक केवाईसी पंजीकरण प्रक्रिया में आधार और मान्य दस्तावेजों की जगह अन्य दस्तावेज दिए थे.
एक अप्रैल 2024 से लागू सेबी के नियमों के मुताबिक, लंबित केवाईसी वाले निवेशक म्यूचुअल फंड में किसी तरह की लेन-देन नहीं कर सकेंगे. इसमें नए म्यूचुअल फंड में निवेश या मौजूदा म्यूचुअल फंड से इकाइयों को भुनाना शामिल है.
पंजीकृत केवाईसी स्थिति के मायने
इसका अर्थ है कि व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों को जारी करने वाले प्राधिकरण द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित या मान्य नहीं किया जा सकता है. यह उन लोगों के ऊपर लागू होता है, जिन्होंने केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पते और पहचान प्रमाण के तौर पर पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र आदि आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेजों के अलावा दस्तावेज दिए हैं. अगर, केवाईसी की स्थिति केवाईसी निबंधित या वैध है तो उनके मौजूदा निवेशों पर असर नहीं पड़ेगा. अगर वे नई म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करना चाहते हैं तो उन्हें फिर से केवाईसी से जुड़े दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं. यदि ऐसे व्यक्ति पैन और आधार जमा करके फिर से केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं.
पुन केवाईसी कराने की जरूरत तब हुई, जब पाया गया कि कई निवेशकों की केवाईसी पैन और आधार से अपडेट नहीं थी. इनमें से कई केवाईसी में उपयोगिता बिल (बिजली, टेलीफोन), बैंक खाते का विवरण आदि के उपयोग किए गए थे. इन्हें अब सेबी द्वारा वैध दस्तावेजों के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाता है. करीब 11 करोड़ निवेशकों में से 7.9 करोड़ वैध केवाईसी हैं. 1.6 करोड़ निवेशकों की केवाईसी पंजीकृत श्रेणी में है. जबकि, कुल निवेशकों में से 12 फीसदी अपने डीमैट खातों और म्यूचुअल परिसंपत्तियों का संचालन नहीं कर सकते हैं, इसलिए कोई भी लेन-देन करने से पहले म्यूचुअल फंड निवेशक के लिए केवाईसी स्थिति की जांच करना अहम है.
1. किसी भी केआरए वेबसाइट पर जाएं. उदाहरण के लिए (www.CVLKRA.com) पर जाएं. यहां अपनी केवाईसी स्थिति देख सकते हैं.
2. सीवीएलकेआरए वेबसाइट पर बने केवाईसी इन्क्वायरी टैब पर क्लिक करें.
3. नया वेबपेज खुलेगा. यहां पैन नंबर दर्ज कर कैप्चा भरें और सब्मिट पर क्लिक करें.
4. दर्ज पैन नंबर के आधार पर केवाईसी की स्थिति कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखेगी. एक निवेशक की केवाईसी स्थिति तीन श्रेणियों में से कोई भी हो सकती है-वैध, निबंधित या लंबित.
केवाईसी लंबित होने का अर्थ
प्रारंभिक केवाईसी के दौरान उपलब्ध कराए गए दस्तावेज आधिकारिक रूप से मान्य दस्तावेज नहीं हैं तो केवाईसी लंबित दिखेगा. अमान्य दस्तावेजों में बैंक खाता विवरण, बिजली बिल, टेलीफोन बिल आदि हैं. इन दस्तावेजों को दिए जाने के कारण केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं होती. हालांकि केवाईसी तब भी लंबित हो सकती है, जब निवेशक का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मान्य न हो. लंबित केवाईसी स्थिति के कारण जरूरी दस्तावेज जमा होने तक सभी वित्तीय और कुछ गैर-वित्तीय लेन-देन पर रोक लगी रहेगी. मतलब एसआईपी लेन-देन, मोचन लेन-देन आदि प्रभावित होंगे.