प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में कहा कि दुनिया के दो बड़े क्षेत्रों में आज युद्ध की स्थिति है. दोनों क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में भी भारत आत्मविश्वास के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है. यही कारण है कि आज भारत निवेश पर ज्यादा रिटर्न देने वाला देश बन चुका है.
तीन महीने में आर्थिक सुधार के कई काम किए प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधार की दिशा में हमारे प्रयास निरंतर और तेज गति से जारी हैं. वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत आर्थिक विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह हमारी सरकार के तीन महीने के कार्यकाल में हुए निर्णयों से समझा जा सकता है. हमने तीन महीने में आर्थिक सुधार की दिशा में 15 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी है. जो देश में ढांचागत विकास के साथ निवेश के बेहतर अवसर पैदा करने की दिशा में उठाया गया कदम है.
तीन करोड़ पक्के मकान मोदी ने कहा कि हमने 12 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को मंजूरी दी है. तीन करोड़ पक्के मकान बनाने का फैसला भी इसी तीन महीने की अवधि में लिया. अक्सर आर्थिक विकास के बीच आर्थिक असमानता बढ़ती है लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकलकर आए हैं. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आर्थिक असमानता कम हो.
बेहतर हो रही अर्थव्यवस्था प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का अनुमान है कि हमारी अर्थव्यवस्था बीते साल कहीं बेहतर रही है. इस बार भी वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ ने सात फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया है लेकिन हमें और बेहतर की उम्मीद है.
जीवन स्तर बदलेगा
कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले दशकों में भारतीयों के जीवन स्तर में बड़ा बदलाव होगा. आने वाले वर्षों में लोगों की आय में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. पांच वर्षों में प्रति व्यक्ति आय 4700 डॉलर हो जाएगी.
भारत बड़ा विकल्प
मोदी ने कहा कि 10 वर्षों में हमने निवेश से लेकर कारोबार करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव किया है. बैंकिंग सिस्टम में बदलाव किया. एकल खिड़की के जरिए कारोबार में मदद पहुंचाई. रक्षा, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र निजी क्षेत्र के लिए खोल दिए.