रायपुर: छह-छह माह के एक्सटेंशन में प्रदेश में चल रही केंद्र सरकार की परियोजनाएं
रायपुर: प्रदेश में केंद्र सरकार की दो बड़ी परियोजना स्मार्ट सिटी और शहरी आजीविका मिशन पिछले दो साल से छह-छह माह के एक्सटेंशन पीरियड पर चल रही है. इससे कार्यों की गुणवत्ता भी अपेक्षानुरूप नहीं है. साथ ही, इन दोनों परियोजना में कोई नए प्लान और काम भी शुरू नहीं हो रहे हैं. वहीं, हर साल छह-छह माह का एक्सटेंशन मिलने से अधिकारियों और कर्मचारियों को नौकरी जाने का डर हमेशा सताता रहता है.
स्मार्ट सिटी के कार्य समय पर नहीं हुए पूरे
प्रदेश के तीन शहरों को केंद्र सरकार की योजना के तहत स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया था. जिसमें रायपुर, नवा रायपुर और बिलासपुर शामिल हैं. जिसमें सबसे ज्यादा रायपुर स्मार्ट सिटी का काम बेहद पिछड़ा हुआ है. कई ऐसे प्लान हैं, जो अभी तक पूर्ण नहीं हुए हैं. अब तो नए कार्य भी स्वीकृत नहीं हो रहे है. रायपुर को पांच साल में स्मार्ट सिटी बनाना था, लेकिन स्मार्ट सिटी के नाम पर बंदरबांट होने के कारण स्मार्ट सिटी ही नहीं बन पाई. कई ऐसे प्लान हैं, जो अभी तक अधूरे हैं. बता दें कि रायपुर सिटी कंपनी को केंद्र सरकार से पांच साल में करीब 1 हजार करोड़ रुपए मिल चुके हैं.
पौनी पसारी और वेंडर जोन का प्लान भी परवान नहीं चढ़ा: इसी तरह से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत संचालित होने के कार्य पौनी पसारी और वेंडर जोन का प्लान भी राजधानी रायपुर में ठीक से परवान नहीं चढ़ पाया. कहने के लिए नगर निगम रायपुर ने कुछेक जगहों पर पौनी-पसारी बनाया है, लेकिन वह भी वीरान पड़ा हुआ है. कुछ जगहों पर नगर निगम द्वारा जगह चिन्हित करने के बावजूद काम शुरू नहीं हो पाया है. इसी तरह से वेंडिंग जोन का मामला ठंडे बस्ते में है. जिन जगहों पर रोड किनारे ठेले-खोमचे लगाने वालों के लिए वेंडिंग जोन बनाकर शिफ्ट किया गया था, जब वहां कोई भी व्यक्ति ठेले-खोमचे नहीं लगाते हैं.