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गुरुग्राम के पॉक्सो कोर्ट ने सीनियर एंकर चित्रा त्रिपाठी और सैयद सोहेल के खिलाफ किया गिरफ्तारी वारंट जारी

गुरुग्राम के पॉक्सो कोर्ट ने एक 10 साल की लड़की और उसके परिवार के वीडियो को तोड़मरोड़कर कर अश्लील रूप से प्रसारित करने के मामले में चर्चित व सीनियर एंकर चित्रा त्रिपाठी तथा  रिपब्लिक भारत चैनल के एंकर सैयद सोहेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री अश्विनी कुमार मेहता ने चित्रा त्रिपाठी के विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी किया, जब चित्रा त्रिपाठी ने महाराष्ट्र ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ अपने मीडिया संगठन के पूर्व-निर्धारित साक्षात्कार का हवाला देते हुए सुनवाई के दिन गैर-उपस्थिति की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया.

अदालत ने निर्देश किया कि आरोपी चित्रा त्रिपाठी की उपस्थिति से छूट देने का कोई उचित आधार नहीं बनाया गया है. केस फाइल के अवलोकन से पता चलता है कि पहले भी आरोपी चित्रा त्रिपाठी अदालत में पेश नहीं हुई थीं और उनकी उपस्थिति से छूट दी गई थी, लेकिन आज इस अदालत को उनकी उपस्थिति से छूट देने का कोई औचित्य नहीं लगता है क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि वह अदालत की प्रक्रिया को काफी हल्के में ले रही हैं. इसी आधार पर जमानत खारिज कर दी गई .

अदालत ने यह भी उल्लेख किया की वर्तमान मामला वर्ष 2015 का है और यदि कार्यवाही शीघ्रता से नहीं की गई तो इस मामले का जल्द से जल्द निपटारा करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं होगा, जो पहले ही 9 वर्ष पुराना हो चुका है. इसलिए, आरोपी चित्रा त्रिपाठी की ओर से छूट की मांग करने वाली अर्जी अस्वीकार की जाती है. और उनकी जमानत के साथ जमानत बॉन्ड  भी रद्द की जाती है. साथ ही संबंधित एसएचओ के माध्यम से 30.11.2024 तक उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए. यदि वारंट तामील नहीं होता है तो संबंधित एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया है. इस मामले की पैरवी करने वाली संस्था जनजागरण मंच के हरिशंकर कुमार ने कहा कि

इसी मामले में अभियुक्त मोहम्मद सोहेल की ओर से भी छूट के लिए अलग से आवेदन इसी आधार पर किया गया है कि अभियुक्त पेशे से पत्रकार है तथा वह चुनाव के कारण कानपुर गया हुआ है तथा वापस नहीं आ सकता है, तथा इन कथनों के साथ अभियुक्त की उपस्थिति से छूट देने का अनुरोध किया गया है. हालांकि, इस न्यायालय को अभियुक्त की उपस्थिति से छूट देने का कोई उचित कारण नहीं लगता है. यदि अभियुक्त को कानपुर में किसी राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कोई वास्तविक आपातस्थिति थी, तो वह न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर निर्धारित तिथि पर अपनी उपस्थिति से छूट पाने के लिए आवेदन कर सकता था. हालांकि, अभियुक्त ने ऐसा आवेदन करने के बजाय न्यायालय से अनुपस्थित रहना पसंद किया. इसलिए, अभियुक्त मोहम्मद सोहेल की ओर से छूट मांगने वाला आवेदन अस्वीकार किया जाता है. उसकी जमानत रद्द की जाती है. अभियुक्त मोहम्मद सोहेल के जमानत बांड तथा जमानत बांड रद्द किए जाते हैं तथा राज्य को जब्त किए जाते हैं. संबंधित एसएचओ के माध्यम से निर्धारित तिथि के लिए उसके विरुद्ध गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया जाए. यदि वारंट तामील नहीं होता है, तो संबंधित एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है.

अभियोजन पक्ष के वकील धर्मेंद्र कुमार  मिश्रा कड़ा विरोध किया गया यह कहते  हुए कि पिछली दो तारीखों पर आरोपी चित्रा त्रिपाठी को स्वास्थ्य आधार पर उपस्थिति से छूट दी गई थी, लेकिन आज आरोपी की उपस्थिति से छूट देने का कोई उचित आधार नहीं बनाया गया है.

यह मामला दिसंबर 2013 में गुरुग्राम के पालम विहार स्थित नाबालिग बच्ची के रिश्तेदार की शिकायत पर पंजीकृत पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) से संबंधित है.

इस मामले में फिलहाल कुल 8 आरोपी जिसमें दीपक चौरसिया (वर्ष 2013 में इंडिया न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ), एंकर चित्रा त्रिपाठी, राशिद हाशमी, अभिनव राज (प्रोड्यूसर) रिपोर्टर – ललित बडग़ुर्जर, अजीत अंजुम (न्यूज 24 चैनल के एडिटर चीफ) एंकर सैयद सोहेल,सुनील दत्त रिपोर्टर के पद पर कार्यरत थे.

मामले में पीड़ित पक्ष के द्वारा यह आरोप है कि समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो ने आंशिक रूप से बालिका,शिकायतकर्ता की पत्नी और कुछ अन्य महिलाओं के चेहरे का खुलासा किया. तथा उनके घर को अश्लीलता का अड्डा बताकर पेश किया साथ ही बच्ची परिवार वाले को बापू आशाराम के मामले में सह आरोपी शिवा और शिल्पी बताकर चैनल पर प्रदर्शित किया. इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मति शशि चौहान ने 25.8.2023 को पॉक्सो एक्ट की धारा 14(1)23), आईटीएक्ट 67(B),469,471 की धारा के तहत अपराध तय किए थे.

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