छत्तीसगढ़: स्टेट की स्वच्छता सर्वेक्षण में रायपुर पिछड़ा, मझोले निकाय आगे
रायपुर:स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए केंद्र से टीम प्रदेश में जुलाई या अगस्त में आ सकती है. टीम के आने से पहले सूडा द्वारा कराए गए सर्वे में प्रदेश के बड़े निकाय मझोले और छोटे निकायों से स्वच्छता के मामले में बहुत पीछे पाए गए. सूडा ने जिन निकायों में गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा था, उन निकायों के संबंधित अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी. साथ ही टीम के आने के पहले तक स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के सभी मापदंड को पूरे करने को कहा गया.
कहीं गीला और सूखा कचरा एक साथ तो कहीं वार्डों की सफाई में उदासीतना: सूडा द्वारा गठित टीम ने निकायों के सर्वे में पाया कि कहीं गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं लिया जा रहा था, तो कहीं वार्डों के नालियों और सड़कों की सफाई में भारी अनियमिता बरती जा रही थी. इसके अलावा वार्डों में पर्याप्त सफाई कर्मचारी भी नहीं मिले.
संसाधन कम के बावजूद छोटे निकाय स्वच्छता में आगे
जानकारी के अनुसार टीम ने सूडा को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि मझोले और छोटे निकायों में संसाधन कम होने के बावजूद स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी ठीक-ठाक पाई गई. जबकि बड़े नगर निकायों यानी नगर निगमों में पर्याप्त संसाधन जुटाने के बावजूद साफ-सफाई को लेकर उदासीनता बरती है. वार्डों में कचरा उठाने के लिए कभी गाड़ियां आती है तो कभी नहीं. इसी तरफ नालियों की सफाई भी कई महीनों तक नहीं होती है. नुक्कड़ों में कचरा भी फैला रहता है.
तैयारी में अंबिकापुर नगर निगम सबसे आगे
टीम की रिपोर्ट में बताया गया कि हर साल की तरह स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी में सबसे आगे नगर निगम अंबिकापुर आगे है. इसके बाद नगर पंचायत और नगर पालिकाओं का नंबर है. जबकि सबसे बड़ नगर निगम रायपुर की स्वच्छता सर्वेक्षण संतोष जनक नहीं पाई गई. टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नगर निगम रायपुर के दिग्गज पार्षदों के वार्ड में ही सबसे ज्यादा साफ-सफाई उदासीनता बरती जा रही है. कहीं नालियां जाम है, तो कहीं पर कचरा गाड़ियां नियमित नहीं आती है. वहीं शहर के प्रमुख मार्गों की सफाई भी नियमित रूप से नहीं हो रही है. रोड स्वीपिंग की गाड़ियां लगाने के बावजूद रोड धूल का अंबार है.