फंसा कर्ज 12 साल के निचले स्तर पर

मुंबई: वाणिज्यिक बैंकों का फंसा कर्ज यानी सकल एनपीए इस साल मार्च में 12 साल के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत रहा. यह चालू वित्त वर्ष के अंत तक और कम होकर 2.5 प्रतिशत तक आ सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में यह कहा गया है.इस साल मार्च में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) अनुपात घटकर 2.8 प्रतिशत जबकि शुद्ध एनपीए 0.6 प्रतिशत पर रहा.
रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता में निरंतर सुधार जारी है और उनका सकल एनपीए अनुपात मार्च, 2024 में 12 साल के निचले स्तर पर आ गया. उनका शुद्ध एनपीए अनुपात भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर रहा. बैंकों में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के सकल एनपीए अनुपात में 2023-24 की दूसरी छमाही के दौरान 0.76 प्रतिशत की कमी आई. हालांकि, सभी श्रेणी के बैंकों में सकल एनपीए में कमी आई है, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों के बेहतर प्रावधान के परिणामस्वरूप मार्च, 2024 में प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) में सुधार हुआ है. सभी बैंक समूहों में छमाही आधार पर मानक कर्ज के अनुपात में नए एनपीए में कमी आई है.
आरबीआई साइबर खतरों के प्रति सतर्क दास
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय प्रणाली के सभी हितधारकों से गुरुवार को कहा कि वे संचालन व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. केंद्रीय बैंक की छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बीच मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है. उन्होंने कहा कि आरबीआई साइबर खतरों, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक चुनौतियों से उत्पन्न होने वाले खतरों के प्रति सतर्क है