राष्ट्रीय

एनडीआरएफ कर्मियों के लिए 40 प्रतिशत जोखिम भत्ते को मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) बचाव कर्मियों द्वारा पूरे किए जाने वाले कठिन अभियानों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए 40 प्रतिशत जोखिम और कठिनाई भत्ते को मंजूरी दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को इसकी घोषणा की.

शाह ने एनडीआरएफ के 35 सदस्यीय अभियान दल का स्वागत करते हुए यह बात कही. इस दल ने हाल में हिमाचल प्रदेश में 21,625 फीट ऊंची मणिरंग चोटी पर चढ़ाई की थी. मणिरंग चोटी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और स्पीति जिलों की सीमा पर स्थित है.

शाह ने विजय नामक अभियान दल का स्वागत करने के बाद कहा, सरकार ने कल ही एनडीआरएफ कर्मियों के लिए 40 प्रतिशत जोखिम और कठिनाई भत्ते को मंजूरी दी है. यह लंबे समय से लंबित मांग थी. बल के सभी 16,000 कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा. अधिकारियों ने बताया कि यह भत्ता वेतन के अतिरिक्त दिया जाएगा.

एनडीआरएफ टीम की सराहना की शाह ने कहा कि सरकार ने विभिन्न केंद्रीय सशस्त्रत्त् पुलिस बलों (सीएपीएफ) और एनडीआरएफ जैसे विशेष संगठनों के लिए खेलों को जरूरी बनाने का भी निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि इन सुरक्षा बलों की कम से कम एक टीम अनिवार्य रूप से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेगी. मंत्री ने कहा, खुफिया ब्यूरो के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है और एक खाका तैयार किया गया है. हम जल्द एक नया मॉडल पेश करेंगे.

अमित शाह ने सफल अभियान के लिए एनडीआरएफ टीम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की कवायद से बल की क्षमता और मनोबल बढ़ेगा. साथ ही, आपदाओं और दुर्घटनाओं के दौरान वे बेहतर कार्य कर सकेंगे. शाह ने बचावकर्मियों को आगाह किया कि उन्हें अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होना चाहिए बल्कि सुधार करते रहना चाहिए.

प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान,अधिक राशि आवंटित शाह ने कहा कि उनकी सरकार ने एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बलों की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए 2004-14 के दौरान 66,000 करोड़ रुपये की तुलना में 2014-24 के दौरान दो लाख करोड़ रुपये आवंटित करके अधिक धनराशि आवंटित की है.

Show More

Aaj Tak CG

यह एक प्रादेशिक न्यूज़ पोर्टल हैं, जहां आपको मिलती हैं राजनैतिक, मनोरंजन, खेल -जगत, व्यापार , अंर्राष्ट्रीय, छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यो की विश्वशनीय एवं सबसे प्रथम खबर ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button