फेडरेशन ने कैशलेस चिकित्सा योजना का प्रस्ताव फिर राज्य शासन को सौंपा
रायपुर: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारियों एवं उनके परिवार के लिए कैशलेस चिकित्सा योजना को लागू करने के लिए एक बार पुन: मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को स्मरण-पत्र दिया है. इससे पहले फेडरेशन पिछले पांच सालों से राज्य शासन के बीच पत्राचार कर करते आ रहा है, लेकिन इस विषय पर आज तक कोई निर्णय नहीं हुआ. जबकि कैशलेस संबंधी प्रस्तावित योजना को लागू किया जाना है.
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा एवं सचिव राजेश चटर्जी ने बताया कि कर्मचारियों तथा उनके परिवार के लिए कैशलेस योजना को मुख्यमंत्री संजीवनी योजना के नाम से प्रस्तावित किया गया है. जो कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बहुत बड़ी कल्याणकारी योजना होगी, जिसे लागू करने से राज्य शासन पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भर नहीं पड़ेगा, बल्कि फर्जी मेडिकल देयकों के भुगतान एवं भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी. साथ ही, आर्थिक बचत भी होगी. उन्होंने बताया कि इलाज के लिए रेफर करने की जटिल प्रक्रिया का भी सामना नहीं करना पड़ेगा.
राज्य के अंदर और बाहर इलाज में होगी सुविधा
प्रस्तावित कैशलेस योजना के बारे में कमल वर्मा एवं राजेश चटर्जी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का राज्य के भीतर एवं बाहर मान्यता प्राप्त एवं अधिकृत चिकित्सालय में इलाज होगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार, प्रत्येक शासकीय सेवक के कार्मिक संपदा के अनुसार संजीवनी कार्ड जारी करेगा. जिसमें कर्मचारी-अधिकारी एवं परिवार का पूर्ण विवरण रहेगा.