स्वास्थ्य व जीवन बीमा कराने वाले लोगों को महंगे प्रीमियम (बीमा किस्त) से निजात मिल सकती है.
9 सितंबर को दिल्ली में होने वाली GST परिषद की बैठक में दोनों तरह के बीमा पर लगने वाली GST को 18 से घटाकर 5% किया जा सकता है. इस कटौती का लाभ सिर्फ 50 हजार तक के सालाना किस्त वाले बीमा पर दिए जाने की संभावना है. उधर, बैठक में जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाए जाने समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है.
लंबे समय से मांग की जा रही है कि बीमा पर लगाने वाली जीएसटी काफी अधिक है. लोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने व जोखिम को ध्यान में रखकर बीमा कराते हैं लेकिन उस पर इतना अधिक जीएसटी वसूला जाना सही नहीं है. इसको लेकर विपक्षी दल भी लगातार मांग कर रहे हैं कि जीएसटी को हटाया जाए.
केंद्र-राज्यों के बीच टकराव नहीं सीतारमण
वित्त मंत्रालय से जुड़ा वित्त सेवा विभाग भी स्वास्थ्य और जीवन बीमा को लोगों के हिसाब से किफायती बनाए जाने के पक्ष में है, जिससे कि लोग अधिक संख्या में बीमा लाभ उठा सकें. ध्यान रहे कि देश में बड़ी संख्या में लोग जीवन और स्वास्थ्य बीमा करा रहा हैं, जिनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 90,032 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम जमा हुआ, जिसमें करीब 35 हजार करोड़ रुपया एकल श्रेणी में कराए गए स्वास्थ्य बीमा से आता है. ऐसी पॉलिसी में सिर्फ एक ही व्यक्ति शामिल होता हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने चेन्नई में जीएसटी पर केंद्र-राज्यों में टकराव से इनकार करते हुए कहा कि इस आर्थिक सुधार में संघीय ढांचे का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, बजट पूर्व सभी परामर्श बैठकों में राजस्व बढ़ाने के बजाय करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल और सहज बनाने को प्राथमिकता दी गई है. मैं आपके सामने कड़वा सच रखना चाहती हूं. हां, हम राजस्व बढ़ाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री के साथ कई चर्चाओं में राजस्व जुटाने का विषय सबसे अंत में आया. लेकिन करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल, सहज और सुगम बनाना सबसे पहले आया.