धर्म एवं साहित्यज्योतिष

गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन नहीं किए जाते, अगर आपने गलती से चंद्र दर्शन कर लिए तो क्या करें?

गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद शुक्ल मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 7 सितंबर को मनाया जा रहा है. गणेश चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे से 7 सितंबर को शाम 5:37 बजे तक रहेगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि से व्रत व त्योहार मनाए जाते हैं. ऐसे में भादों की गणेश चतुर्थी उदया तिथि के अनुसार 7 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन गणपति को घर में स्थापित किया जाता है. लोगअलग-अलग दिनों के लिए गणपति को स्थापित करते हैं. कोई 1 दिन के लिए, 5, 7 या 10 दिन के लिए गणपति की स्थापना करते हैं. इसके बाद इसका विसर्जन किया जाता है. गणेश चतुर्थी पर कहा जाता है कि चंद्र के दर्शन नहीं करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो इस दिन चंद्र दर्शन करता है, उस पर मिथ्या कलंक लगता है. इसका संबंध गणेश जी और चंद्रमा की कहानी से है, क्योंकि गणेश जी ने इस दिन चंद्रमा को श्राप दिया था.

अगर गलती से आप इस दिन चंद्रमा देख लें तो मान्यता है कि इस दिन आपको सिंह: प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हत:. सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकर:॥’ मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र के जाप करने के बाद गरीबों को दान करें.

यह भी कहा जाता है कि अगर चंद्र दर्शन हो जाएं तो आपको गणेश जी का व्रत करना चाहिए.

इस दिन अगर चंद्र दर्शन हो जाएं तो भगवान गणपति की अराधना कर फल अर्पित करें और गरीबों को दान करें.

इसके अलावा जाम्बवंत, भगवान श्रीकृष्ण और स्यमंतक मणि की कथा सुनने से भी चंद्र दर्शन का दोष समाप्त होता है.

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