डेंगू के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी से पीड़ित अधिकतर मरीज घर पर ही ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती हैं.
एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल ने बताया कि डेंगू से पीड़ित होने पर शरीर में तरल पदार्थ की कमी और आराम न करना कम उम्र के लोगों को भी ज्यादा गंभीर बीमार कर देता है. इसलिए हर उम्र के लोगों को बीमारी के दौरान पानी पीने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
प्लेटलेट्स से ज्यादा बीपी की निगरानी
एम्स के मेडिसन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नवल विक्रम कहते हैं कि डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से पहले मरीज के रक्तचाप की निगरानी अधिक महत्वपूर्ण है. प्लेटलेट्स कम होने से व्यक्ति की जान जाने का खतरा जितना है, उससे कहीं अधिक खतरनाक उसकी शिराओं को जोड़ने वाली कैपिलरी के लीक होने से है. व्यक्ति के ब्लड प्रेशर कम होना इसका एक महत्वपूर्ण लक्षण है.
क्या करें और क्या न करें
● डेंगू में आराम करना और तरल पदार्थ लेते रहना बहुत जरूरी है
● तरल पदार्थ में कोल्ड ड्रिंक और शराब शामिल नहीं है
● डेंगू में बुखार आने पर सिर्फ पेरासिटामोल का इस्तेमाल करें
● फैंसी दवाओं के चक्कर में न पड़े
● डेंगू में उल्टी होने से शरीर में डिहाइड्रेशन और हालत गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है
● कुछ ऐसी चीज का सेवन न करें, जिससे उलटी होने का खतरा हो
● अगर ब्लड प्रेशर कम हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
तीन जांच पर नजर रखें
डेंगू के दौरान सबसे बड़ी परेशानी कैपिलरी-लीकेज की होती है. कैपिलरी शरीर में बहुत छोटी रक्त वाहिकाएं होती हैं, जिनकी मदद से खून के जरिए ऑक्सीजन और पोषक तत्व शरीर के ऊतकों तक पहुंचते हैं. कैपिलरी की दीवारें इस बीमारी में अधिक छिद्रदार हो जाती हैं, जिस कारण खून कोशिकाओं से रिसता हुआ शरीर में ही जमा होने लगता है, जो शरीर के किसी काम का नहीं रहता. इस वजह से शरीर में तरल प्लाज्मा की कमी होने लगती है. तरल प्लाज्मा की इसी कमी के कारण ब्लड प्रेशर तेजी से गिरता है और हिमैटोक्रिट में इजाफा होने लगता है.