इंडस्ट्रियलिस्ट रतन टाटा की वसीयत की जानकारी सामने आई है. इसमें उन्होंने जर्मन शेफर्ड कुत्ते टीटो के लिए अनलिमिटेड केयर का प्रावधान किया गया है. रतन टाटा अपने पीछे 10 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति छोड़ गए हैं. इस संपत्ति का बंटवारा उनकी बहनों शिरीन और डिएना के अलावा हाउस स्टाफ और अन्य लोगों के बीच होगा. हालांकि रतन टाटा के धन का जितना हिस्सा उनके कुत्ते को मिलने वाला है, उसके बाद वह कम से कम भारत में सबसे अमीर कुत्ता बन जाएगा. रतन टाटा की वसीयत में उनके खास दोस्त शांतनू का भी जिक्र है.
टीटो को पांच-छह साल पहले एडॉप्ट किया गया था. रतन टाटा की वसीयत के मुताबिक टीटो की देखभाल की जिम्मेदारी उनके लंबे समय तक कुक रहे राज शॉ करेंगे. टाइम्स ऑफ इंडिया वसीयत में तीन दशक तक रतन टाटा के नौकर रहे सुबैया के लिए भी प्रावधान किए गए हैं. गौरतलब है कि टाटा जब भी बाहर जाते थे वह रंजन और सुबैया के लिए डिजाइनर कपड़े खरीदकर लाते थे.
रतन टाटा के खास दोस्त और एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट शांतनू नायडू का भी जिक्र किया गया है. टाटा ने नायडू के उद्योग गुडफेलो में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी और उनके लोकन एजुकेशन को माफ कर दिया. प्रसिद्ध उद्योगपति की संपत्ति में अलीबाग में 2,000 वर्ग फुट का सी-फेस बंगला, मुंबई में जुहू तारा रोड पर दो मंजिला घर, 350 करोड़ रुपए से अधिक की फिक्स डिपॉजिट और टाटा संस में 0.83 प्रतिशत हिस्सेदारी और टाटा ग्रुप में 165 बिलियन डॉलर की संपत्ति शामिल है.
परंपरा के अनुसार, टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (आरटीईएफ) को स्थानांतरित कर दी जाएगी, जो एक धर्मार्थ ट्रस्ट है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी वसीयत को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा प्रोब किए जाने की उम्मीद है, एक प्रक्रिया जिसमें कई महीने लगेंगे. एक परोपकारी, पशु प्रेमी और उत्सुक व्यापारिक दिमाग के रूप में जाने जाने वाले, रतन टाटा का 9 अक्टूबर, 2024 को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया.