ठाकुर बांके बिहारी के मंदिर में त्रिदिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव 15 से 17 अगस्त तक मनाया जाएगा। मथुरा और वृंदावन के विभिन्न मंदिर में भगवान कृष्ण का 5,252वां जन्मोत्सव 16 अगस्त को मनाया जा रहा है। महोत्सव का सर्वप्रमुख आकर्षण केंद्र अष्टमी-नवमी की रात में होने वाली मंगला आरती के दर्शन होंगे, जिसमें सम्मिलित होने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों की भीड़ उमड़ेगी। आपको बता दें कि बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती साल में सिर्फ़ एक बार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है।
आपको बता दें कि वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर में अगर आप दर्शन करने नहीं गए तो यहां की यात्रा अधूरी मानी जाती है। वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का उत्सव बेहद खास होता है। पहले ठाकुर जी का अभिषेक होता है और रात 12 बजे ठाकुर जी की मंगला आरती की जाती है। यही वजह है कि जन्माष्टमी की रात बांके बिहारी मंदिर में एक बार होने वाली मंगला आरती के दुर्लभ दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से वृंदावन आते हैं। इस साल कहा जा रहा है कि 5 मिलियन से अधिक लोग इस दौरान मथुरा और वृंदावन में आ सकते हैं। इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
रविवार को वरिष्ठ सेवायत इतिहासकार आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि इस दिव्य महोत्सव के पहले दिन 15 अगस्त को विष्णु स्वामी महाराज की जयंती तथा अमर शहीद गोस्वामी रुपानंद महाराज के 318वें जन्मोत्सव पर पूज्य आचार्य द्वय के चित्रपटों का पूजन-अर्चन कर भोग-राग व पुष्पांजलि समर्पित की जाएगी। उनकी विशेष जन्मोत्सव आरती उतारी जाएगी। उक्त कार्यक्रम बांके बिहारी मंदिर एवं हरिदास पीठ मंदिर में आयोजित होंगे। 16 अगस्त को जन्माष्टमी की रात्रि 12 बजे बांके बिहारी महाराज का दिव्याभिषेक होगा। 17 अगस्त को नवमी की सुबह श्रंगार आरती से लेकर दोपहर में राजभोग आरती होने तक नन्दोत्सव अर्थात दधिकाँधौ का आयोजन किया जाएगा।