रायपुर. राजधानी से राज्योत्सव स्थल 30 किमी दूर है। पहले दिन तो पीएम मोदी के प्रवास के कारण भीड़ जुटाने शासन ने कलेक्टरों के जरिये हर जिले से बसों और छोटे वाहनों का इंतजाम किया था। लेकिन दूसरे दिन से बाहर से आने वाले आम लोगों को टैक्सी और ऑटो बुक करके राज्योत्सव स्थल पहुंचना पड़ रहा है। इसके लिए एक हजार से लेकर 15 सौ रुपए तक वसूले जा रहे हैं। इससे पहले राज्योत्सव के लिए शासन द्वारा बसों का इंतजाम किया जाता था और लोग नाममात्र का शुल्क देकर राज्योत्सव स्थल तक पहुंचते रहे हैं। इस साल अधिकारियों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। राज्योत्सव स्थल जाने-आने वाले हजारों लोग परेशान हो रहे हैं।
बाहर से आने वाले हो रहे ज्यादा परेशान क्योंकि…
राज्य के अन्य हिस्सों से राज्योत्सव में ज्यादातर लोग खुद की व्यवस्था से बाइक या छोटे-बड़े वाहन लेकर पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है, जिनके पास दोनों साधन नहीं है। राजधानी और बाहर से आने वालों को ऑटो रिक्शा या फिर टैक्सी बुक करना पड़ रहा है। चूंकि रात में वापस आने की भी कोई सुविधा नहीं मिलेगी, लिहाजा आम लोग आने-जाने दोनों समय के लिए वाहन बुक कर रहे हैं। जाहिर है कि उन्हें दोगुनी राशि देनी पड़ रही है। ऑटो का 15 सौ और कार का 2 हजार से लेकर 3 हजार रुपये किराया बताया जा रहा है।
बाइक-स्कूटी और कार वालों से मनमानी वसूली हो रही
राज्योत्सव स्थल नवा रायपुर के चारों ओर वाहनों की पार्किंग के लिए 16 स्थानों को आरक्षित किया गया है। हालांकि अब तक आधे पार्किंग स्थल भी नहीं भर रहे हैं। वाहन कम होने से राज्योत्सव स्थल के आसपास के तीन-चार पार्किंग का ही उपयोग हो रहा है। शिकायत मिली है कि पहले दिन तो पार्किंग शुल्क नहीं लिया गया लेकिन अब दूसरे दिन से बाइक के बीस रुपए और छोटे चार पहिया वाहन वालों से 50-50 रुपए की वसूली की जा रही है। पार्किंग शुल्क वसूलने वाले ठेका लेने की बात कह रहे हैं। इसे लेकर पार्किंग एरिया में विवाद भी हो रहा है। लोग पार्किंग ठेके पर देने और इसके लिए तय शुल्क का बोर्ड नहीं लगाने पर भी नाराजगी जता रहे हैं। पार्किंग एरिया की दूरी ज्यादा होने पर लोगों को पैदल भी चलना पड़ रहा है।
जिला प्रशासन व परिवहन विभाग की है जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक राज्योत्सव पर आम लोगों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और परिवहन विभाग की है। बस संचालकों ने कहा कि राज्योत्सव के पहले दिन भीड़ लाने के लिए बसों का अधिग्रहण किया गया था। अन्य दिनों के लिए कोई चर्चा नहीं की गई। यदि सूचना दी जाती और मांग आती तो किराया तय करके रायपुर से राज्योत्सव स्थल तक के लिए पचास से ज्यादा बसों का संचालन किया जा सकता था। निजी बसों की जगह नगर निगम की सिटी बसें भी राज्योत्सव के लिए लगाई जा सकती थी।
नगर निगम वाले ही बता पाएंगे : आरटीओ रायपुर
आम लोगों के लिए बस सेवा की जानकारी लेने परिवहन विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई। आरटीओ आशीष देवांगन ने कहा कि नगर निगम वाले ही इस संबंध में बता पाएंगे। पुलिस अधिकारियों के पास बस सेवा और पार्किंग शुल्क को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। ऑटो यूनियन के अध्यक्ष कमल पांडे ने कहा कि राज्योत्सव अवधि में नियमित रूप से ई रिक्शा और ऑटो चलाने के संबंध में कोई अधिकृत प्रस्ताव नहीं आया है। केवल एक दिन के लिए सौ-दौ ई रिक्शे की मांग की गई थी।



















