Tomar Brothers Bail Reject: राधानी रायपुर के चर्चित सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग केस में फंसे हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि, अदालत ने दोनों की पत्नियों और भतीजे की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें राहत दी है।
सरकारी पक्ष ने अदालत में तर्क दिया कि दोनों भाइयों के खिलाफ लगभग 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वे लंबे समय से अवैध सूदखोरी व वसूली के कारोबार में सक्रिय हैं। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों भाइयों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
घर से मिला कैश, सोना और हथियारों का जखीरा
पुलिस ने कुछ सप्ताह पहले तोमर बंधुओं के घरों पर बड़ी छापेमारी कार्रवाई की थी। इस दौरान पुलिस को 37 लाख रुपए नकद, 734 ग्राम सोने-चांदी के जेवरात, बीएमडब्ल्यू, थार और ब्रेजा जैसी लग्जरी गाड़ियां, ब्लैंक चेकबुक, लैपटॉप, आईपैड, लेन-देन के रजिस्टर, और अवैध हथियार बरामद हुए थे।
पुलिस का कहना है कि दोनों भाई बिना लाइसेंस सूदखोरी का धंधा चलाते थे और आम लोगों से ऊंची ब्याज दर पर वसूली करते थे। पुलिस ने जब इनके ठिकानों की तलाशी ली, तब नोट गिनने की मशीन, ई-स्टांप पेपर और जमीन के दस्तावेज भी जब्त किए गए।
सरकार की दलील: संगठित अपराध से जुड़ा मामला
शासकीय अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि पुलिस जांच में यह साफ हुआ कि यह मामला केवल सूदखोरी का नहीं बल्कि संगठित अपराध (Organised Crime) से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों की अपराधिक पृष्ठभूमि पुरानी है, और ये कई वर्षों से लोगों को धमकाकर और ब्लैकमेल कर रकम वसूलते रहे हैं।
हाईकोर्ट ने सरकारी वकील की दलीलों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को अग्रिम जमानत देने से न्याय व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए कोर्ट ने दोनों की याचिका को खारिज कर दिया।
पत्नियों और भतीजे को राहत, कहा- परिवार को गलत तरीके से फंसाया गया
दूसरी ओर, अदालत ने रोहित तोमर की पत्नी भावना तोमर, वीरेंद्र तोमर की पत्नी शुभ्रा, और भतीजे की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस ने साधारण मारपीट के मामले को आर्गेनाइज क्राइम में तब्दील कर परिवार को फंसाया है। अदालत ने परिवार के खिलाफ आरोपों को सीधे तौर पर आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा न मानते हुए उन्हें राहत प्रदान की।
वकील बोले- अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
तोमर बंधुओं की ओर से पैरवी कर रहे पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद वर्मा ने कहा कि वे अब अन्य कानूनी विकल्पों, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर करना भी शामिल है, पर विचार कर रहे हैं। वर्मा ने कहा कि जिस मामले में अन्य आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है, उसमें इन दोनों भाइयों को भी आगे राहत मिलने की उम्मीद है।
लंबे आपराधिक रिकॉर्ड और फरारी पर पुलिस की नजर
रायपुर पुलिस का कहना है कि रोहित और वीरेंद्र तोमर दोनों फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए कई राज्यों में पुलिस टीमें भेजी गई हैं। दोनों पर रायपुर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है। अब तक इन दोनों के खिलाफ 6 से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें अवैध वसूली, धमकी, सूदखोरी और धोखाधड़ी जैसे आरोप शामिल हैं।
पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद अब तोमर बंधुओं से परेशान कई पीड़ित थानों में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे हैं। पहले इनके डर से लोग चुप रहते थे, लेकिन अब पुलिस कार्रवाई के बाद लोग आगे आकर अपनी शिकायतें दर्ज कर रहे हैं।



















