
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार नक्सलियों के विरुद्ध कठोरतम रुख के साथ आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है.
छत्तीसगढ़ में गुरुवार को सुरक्षा बलों द्वारा दो अलग-अलग अभियानों में 30 नक्सलियों के मारे जाने के बाद एक्स एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा कि नक्सलमुक्त भारत अभियान की दिशा में हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षा बलों के दो अलग-अलग अभियानों में 30 नक्सली मारे गए.
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार नक्सलियों के विरुद्ध रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है.
2025 में अब तक 90 नक्सली मारे जा चुके हैं गृहमंत्रालय ने बताया कि नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के चलते वर्ष 2025 में अब तक 90 नक्सली मारे जा चुके हैं, 104 को गिरफ्तार किया गया है और 164 ने आत्मसमर्पण किया है. 2024 में 290 नक्सलियों को मार गिराया गया था, 1090 को गिरफ्तार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया था. कुल 15 शीर्ष नक्सली नेताओं को मार गिराया गया है. गृहमंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की कुल 16,463 घटनाएं हुई थीं, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2024 के बीच हिंसक घटनाओं की संख्या 53 प्रतिशत घटकर 7,744 रह गई हैं. इसी प्रकार, सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 1851 से 73 प्रतिशत घटकर 509 रह गई और नागरिकों की मृत्यु की संख्या 70 प्रतिशत की कमी हुई है.
नक्सल प्रभावित जिले 126 से घटकर 12 हुए 2014 तक कुल 66 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन थे, जबकि मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में इनकी संख्या बढ़कर 612 हो गई है. इसी प्रकार 2014 में देश में 126 जिले नक्सल प्रभावित थे, लेकिन 2024 में सबसे अधिक प्रभावित जिलों की संख्या घटकर मात्र 12 रह गई है.