सावन का पहला सोमवार व गजानन संकष्टी आज, शुभ मुहूर्त में जलाभिषेक व शिव पूजन करना पुण्यदायक

सावन सोमवार का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन सोमवार व्रत रखने व शिव जी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आज 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार व गजानन संकष्टी का संयोग बन रहा है। यही नहीं आज कई शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है, जो इस दिन को खास बना रहे हैं। सावन सोमवार का विधिपूर्वक व्रत रखकर शिव पूजन करने से भगवान शिव की कृपा दृष्टि बनी रहती है। आइए जानते हैं सावन सोमवार व गजानन संकष्टी पर पूजन के शुभ मुहूर्त, पूजाविधि, भोग, और मंत्र-
हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन के पहले सोमवार चतुर्थी तिथि, धनिष्ठा व शतभिषा नक्षत्र, आयुष्मान व सौभाग्य योग रहेगा। इस विशेष मुहूर्त में जलाभिषेक व पूजन करने से राहु, चन्द्रमा आदि ग्रहों से संबंधित दोष दूर हो सकते हैं। सावन के पहले सोमवार के दिन शिव पूजन करने से भाग्य, आयु, वैभव, गृह शान्ति एवं संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा।
जानें शिव पूजन का उत्तम समय: आज सोमवार के दिन राहुकाल सुबह 07:16 ए एम से 09:00 ए एम तक रहने वाला है। ऐसे में सुबह 7:16 से पहले पूजन समाप्त कर लेना बेहतर रहेगा। इस दिन अमृत चौघड़िया मुहूर्त सुबह 05:33 ए एम से 07:16 ए एम तक रहेगा। फिर शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 09:00 ए एम से 10:43 ए एम तक रहेगा। इसके बाद चर चौघड़िया मुहूर्त दोपहर 02:10 पी एम से 03:54 पी एम तक लाभ 03:54 पी एम से 05:38 पी एम, अमृत चौघड़िया मुहूर्त 05:38 पी एम से 07:21 पी एम तक रहेगा और चर चौघड़िया मुहूर्त 07:21 पी एम से 08:38 पी एम तक रहेगा। वहीं, अभिजित मुहूर्त सुबह 11:59 ए एम से 12:55 पी एम तक रहेगा। शाम में पूजन के लिए गोधूलि मुहूर्त 07:20 पी एम से 07:40 पी एम तक रहेगा।
पूजाविधि: सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। भगवान गणेश को प्रणाम करें। सूर्य को अर्घ्य दें। शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें। पंचामृत से अभिषेक या रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं। शिव परिवार की विधिवत पूजा करें। भगवान शिव को बेलपत्र, सफेद मिष्ठान, अक्षत, बेल पत्र , शमी पत्र, अक्षत, भांग, धतूरा, सफेद रंग का फूल, काला तिल और सफेद चंदन अर्पित करें। इसके बाद पूरे शिव परिवार की पूजा करें। भोग लगाएं। व्रत का संकल्प लें। शिव चालीसा व मंत्र जाप करें। शिव जी की आरती करें। क्षमा प्रार्थना करें।
मंत्र: ॐ नम: शिवाय, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
भोग: मखाना, दूध की बर्फी, बेर का फल, मिश्री, सफेद मिठाई, बादाम/मखाने की खीर, पंचामृत
अभिषेक करते समय ध्यान रखें ये बात: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग का अभिषेक करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-
ॐ नम: शिवाय या ॐ नमो नीलकंठाय मंत्र का मन ही मन जाप करें।
किसी धातु के बर्तन से ही अभिषेक करना चाहिए।
भगवान भोलेनाथ को हल्दी, रोली, तुलसी के पत्ते, केतकी का फूल, नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए और न ही शंख से अभिषेक करना चाहिए।