Vastu Tips: इन जगहों पर बैठकर तो नहीं खा रहे खाना? जाने-अनजाने खुल जाएगा कंगाली का रास्ता

वास्तु शास्त्र की कुछ बातों का ध्यान रखकर हम अपने जीवन को थोड़ा आसान बना सकते हैं। इसमें कई ऐसी बातें हैं, जिसका पालन करके आप आसानी से सुख-समृद्धि पा सकते हैं। वास्तु शास्त्र में सिर्फ घर को ही सुव्यस्थित करना नहीं बताया गया है बल्कि ये भी बताया गया है कि आपके खाना खाने के तरीके में भी कई राज छिपे होते हैं। तो आज जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार किन गलत जगहों पर बैठकर खाना खाने से हमारी जिंदगी में कंगाली आ सकती है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर किन 5 जगहों पर गलती से भी भोजन नहीं करना चाहिए….
1. दरवाजे के पास ना करें भोजन
वास्तु शास्त्र में साफ शब्दों में लिखा है कि दरवाजे के पास या उसके चौखट पर खाना खाना सबसे अशुभ है। अगर आप जाने-अनजाने में ऐसा करते आए हैं तो अब सतर्क रहने की जरूरत है। इस जगह खाने से घर में आसानी ने नेगेटिव एनर्जी आ जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर भगवान का वास होता है। ऐसा करने से आप लक्ष्मी मां का अपमान करते हैं। ऐसे में धन की हानि होने के ज्यादा चांस होते हैं।
2. पूजा घर के पास ना करें भोजन
अगर पूजा घर के पास बैठकर भोजन करते हैं और आपको लगता है कि पवित्र जगह बैठकर खाना अच्छा होता है तो आप बहुत गलत हैं। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। पूजा घर के पास खाना खाकर आप देवी-देवताओं का अपमान कर रहे हैं। अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो बचिए। ऐसा करने से घर की सुख-शांति में बाधा आती है। वहीं सुख-समृद्धि भी कोसों दूर भाग जाते हैं।
3. बेड पर कभी ना करें भोजन
अगर आप बेड पर बैठकर आराम से खाते हैं तो तुरंत ऐसा करना बंद कीजिए। इस वजह से आपकी हेल्थ खराब हो सकती है। साथ ही आर्थिक स्थिति भी डामाडोल हो सकती है। ऐसा करने से पैसे की हानि होती है। साथ ही आप मानसिक तनाव से भी घिरे रहेंगे।
4. गंदे स्थान पर ना करें भोजन
भोजन करने के लिए हमेशा साफ जगह ही ढूंढे। अगर गंदी जगह पर बैठकर खाते हैं तो इससे आप नेगेटिव एनर्जी से घिर जाएंगे। साथ ही आर्थिक स्थिति भी खराब हो सकती है। अबसे सिर्फ साफ-सुथरी जगह पर ही बैठकर लंच या डिनर करें।
5. गैस चूल्हे के पास ना करें भोजन
कई दफा होता है ना लोग हड़बड़ी में या फिर जाने-अनजाने गैस चूल्हे के पास ही खाना खाने लगते हैं। हड़बड़ी में भी ऐसा करने से बचिए। अगर आप ऐसी जगह बैठकर खाना खा रहे हैं तो इससे घर की शांति भंग होती है।