तुर्किये और सीरिया में भारी बर्फबारी के कारण बचाव कार्य प्रभावित

तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 11 हजार के पार हो गया है. वहीं, तुर्किये में अचानक शुरू हुई भारी बर्फबारी जहां बचावकर्मियों के अभियानों को धीमा कर रही है, वहीं इससे सबसे ज्यादा परेशानी मलबे में फंसे लोगों को हो रही है. अब भी मलबे में सैंकड़ों ऐसे लोग फंसे हैं जो जीवित हैं, लेकिन मदद उन तक नहीं पहुंची.
तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने बुधवार को भूंकप प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. वह भूकंप का केंद्र रहे पजारसिक शहर और हटे प्रांत पहुंचे और नुक्सान व बचाव कार्यों का जायजा लिया. तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि देश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 8500 हो गई है. उधर सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीरिया के कब्जे वाले सरकारी क्षेत्र में अब तक 1250 लोगों के मरने की पुष्टि की. व्हाइट हेल्मेट्स के रूप में जाने जाने वाले स्वयंसेवकों के समूह के अनुसार, विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम में 1,280 लोग मारे गए हैं. वहीं, बुधवार को तुर्किये के गजियांटेप प्रांत के एक शहर, नूरदगी जिले में 4.3 तीव्रता का एक और भूकंप आया.
गम के बीच खुशी के पल अदियामन शहर में जब बचावकर्मियों ने करीब 40 घंटे की मशक्कत के बाद जब दस साल के बैतूल एडिस को सही सलामत निकाला तो मौके पर मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर बचावकर्मियों का हौसला बढ़ाया.
तुर्किये में एक भारतीय लापता, दस फंसे
नई दिल्ली, एजेंसी. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि तुर्किये में आए भूकंप के बाद एक भारतीय लापता हैं, जबकि सुदूर इलाके में दस भारतीय फंसे हैं, लेकिन सुरक्षित हैं.
विदेश मंत्रालय के सचिव संजय वर्मा ने कहा कि जो भारतीय लापता है, वो तुर्किये के माल्टा में व्यापारिक यात्रा पर था. पिछले दो दिन से उसका कोई पता नहीं चल सका है, उसकी तलाश की जा रही है. हम बेंगलुरु में उसके परिवार और कंपनी के साथ लगातार संपर्क में हैं. करीब 3000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 1850 इस्तांबुल, अंकारा में 250, शेष देश के अन्य हिस्सों में रह रहे हैं.
सीरिया को मदद भेजी भारत ने भूकंप से प्रभावित सीरिया को छह टन से अधिक राहत सामग्री सौंपी.