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क्रिप्टो करेंसी में फायदे का लालच दे रहे ठग, फंस रहे हैं किसान-कारोबारी

रायपुर . प्रदेश में कुछ साल पहले जिस तरह से चिटफंड कंपनियों की तरह ग्रामीणों से कम समय में अधिक मुनाफे का झांसा देकर निवेश कराया जाता था, अब उसी तरह वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) में ज्यादा फायदा मिलने का सब्जबाग दिखाकर ठगा जा रहा है. इसके लिए ठग बकायदा वेबसाइट के माध्यम से प्रचार-प्रसार करते हैं. लोकल एजेंट बनाते हैं और सेमीनार करते हैं. इसका खुलासा यूनिटी बाइट (क्रिप्टो करेंसी), क्रिनप्टो करेंसी कंपनी (क्रिप्टो करेंसी), हैश पे (लंदन बेस्ड) से जुड़े तीन ठगों ने किया है. पुलिस ने आरोपियों को कर्नाटक और तमिलनाडु से पकड़ा है. आरोपियों के खिलाफ आरंग और पुरानी बस्ती थाने में अपराध दर्ज था. पुलिस ने आरोपियों को दो दिन की रिमांड पर लिया है.

14 लाख कराया निवेश, नहीं मिला पैसा

मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि आरंग थाने में संतोष साहू ने यूनिटी बाइट (क्रिप्टो करेंसी) कंपनी के संचालक एमडी आरआर रवि, सालंक काल्वेथ, प्रकाश रेड्डी, भूपति और मुत्थू कुमार के द्वारा कंपनी में निवेश करने पर 300 दिन में तीन गुना राशि रिटर्न मिलने का झांसा दिया. इसके बाद संतोष ने वर्ष 2021 में अलग-अलग दिन 14 लाख रुपए निवेश किया. निवेश के बाद उसे रिटर्न नहीं मिला. इसी तरह पुरानी बस्ती थाने में रूपेश कुमार सोनकर ने क्रिप्टो करेंसी कम्पनी (क्रिप्टो करेंसी) व हैश पे (लंदन बेस्ड) कंपनी के एमडी बाबू, सीएमडी इमरान खान, मैनेजमेंट टीम के सदस्य जॉनसन और एजेंट काजामिथीन मुनीराज ने जनवरी 2022 में रायपुर में सेमीनार का आयोजन किया था. इसके बाद आरोपियों ने रूपेश और उसके साथियों से निवेश किए राशि को 300 दिन में तीन गुना कर देने के नाम पर 13 लाख 13 हजार रुपए निवेश कराया था. रिटर्न रकम नहीं मिलने पर रूपेश ने शिकायत की थी. दोनों मामले में आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही थी. एसीसीयू की टीम को गिरोह के मैनेजर प्रकाश रेड्डी के बेंगलुरू में और एजेंट एस भूपति का तमिलनाडु के सेलम में होने का पता चला. टीम ने दोनों को हिरासत में ले लिया. इसी तरह कोयम्बटूर से इमरान बाशा एम को गिरफ्तार किया गया है. उसे रायपुर लाया जा रहा है. तीनों आरोपियों का दो दिन पुलिस रिमांड लिया गया है.

ऐसे चल रहा था ठगी का काला कारोबार: आरोपी आरआर रवि, सालंक काल्वेथ, प्रकाश रेड्डी, भूपति और मुत्थू कुमार ने सुनियोजित ढंग से यूनिटी बाइट (क्रिप्टो करेंसी) नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई. इसकी वेबसाइट, सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर में प्रचार-प्रसार किया. हर राज्य में लोकल एजेंट बनाए गए. एजेंट निवेश राशि पर 300 दिन में तीन गुना रकम लौटाने का दावा करता था. एजेंट गांव-गांव में घूमता था. इसके बाद लोगों के लिए रायपुर के लालबाग होटल में सेेमीनार का आयोजन करता था.

सेमीनार में आरोपी प्रकाश रेड्डी निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से फायदा होनेे और दूसरों और निवेश कराने व नेटवर्क का हिस्सा बनाने को कहता था.

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