राष्ट्रीय

दावा, भारत 2030 तक स्वास्थ्य के सतत विकास लक्ष्य से अभी कोसों दूर

संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों से जुड़े सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को 2030 तक पूरा किया जाना है लेकिन भारत इससे अभी कोसों दूर है। लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत निर्धारित समय सीमा से सात वर्ष पहले 50 प्रतिशत लक्ष्य तक भी नहीं पहुंच पाया है।

देश के 75 प्रतिशत से अधिक जिले कई आधारभूत सेवाओं की पहुंच से वंचित

अनुसंधानकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि भारत के 75 प्रतिशत से अधिक जिले अहम एसडीजी संकेतकों जैसे कि गरीबी, विकास की संभावना और बच्चों के विकास से अभी काफी दूर हैं। साथ ही एनीमिया (रक्ताल्पता), बाल विवाह, जीवनसाथी पर हिंसा, तंबाकू के इस्तेमाल जैसी कुरीतियों के खिलाफ और गर्भनिरोध के आधुनिक उपायों जैसी आधारभूत सेवाओं की पहुंच से वंचित हैं।

इन राज्यों में हालत ज्यादा खराब

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और ओडिशा में हालत ज्यादा खराब है। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार भारत 33 एसडीजी संकेतकों में से 19 के लक्ष्य से दूर है। 2016 से 2021 के बीच इन पर कम ध्यान और इन्हें दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने के कारण अधिकतर जिले एसडीजी के लक्ष्य को 2030 तक भी पूरा करते नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वक्त रणनीतिक रूपरेखा तैयार करने से भारत को एसडीजी के लक्ष्यों को पूरा करने के संबंध में सफलता सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।

अध्ययन में यह बात आई सामने

अध्ययन के अनुसार 763 में से 707 भारतीय जिलों ने स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों से संबंधित एसडीजी प्राप्त करने में प्रगति की है। रिपोर्ट में चार एसडीजी लक्ष्यों-गरीबी नहीं (एसडीजी एक), कोई भूखा नहीं (एसडीजी दो), अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण (एसडीजी तीन) और लैंगिक समानता (एसडीजी चार) की गति बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता का सुझाव दिया गया है।

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