उत्तराखंड के ऋषिकेश निवासी 20 वर्षीय किशोर ने दो इंच लंबी लोहे की कील मुंह में रखी ली और खेलते समय अचानक उसे निगल गया. परिजनों ने उसे ऋषिकेश के कई अस्पतालों में दिखाया. एक अस्पताल ने ब्रोंकोस्कोपी जांच के बाद किशोर को एम्स दिल्ली रेफर कर दिया.
एम्स में सांस रोग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर करन मदान और उनकी टीम ने ब्रोंकोस्कोपी जांच की. कील फेफड़े के दाहिने ओर में निचले लोब तक पहुंच चुकी थी. इसके बाद टीम ने ब्रोंकोस्कोपी प्रक्रिया से बिना चीरा लगाए कील को निकाला गया. डॉक्टर करन ने बताया कि मरीज एकदम स्वस्थ है. डॉक्टर करन ने बताया कि जब व्यक्ति कोई नुकीली चीज मुंह में रखता है और फिर लापरवाही से उसे निगल लेता है, इस तरह के मामले आते रहते हैं. हाल ही में बढ़ई का काम करने वाला 45 वर्षीय व्यक्ति आया था. वह एक छोटा पेचकस निगल गया था. गनीमत रही कि उसकी जान बचा ली गई. बारीक और नुकीली चीजें निगलने पर बहुत जल्द शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फंस जाती है. ऐसे में बेहद सावधानी रखनी चाहिए.
सिक्के, पेचकस और कील आदि निगलने के मामले अस्पताल में आते रहते हैं. लोगों को ऐसी चीजों को मुंह में नहीं रखना चाहिए. छोटी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है.
-प्रोफेसर करन मदान, सांस रोग विभाग, एम्स दिल्ली