वाराणसी. किसी तरह कोरोना से जंग जीत चुके लोग अपने को पूर्ण रूप से स्वस्थ कह पाने की स्थिति में नहीं आ पा रहे हैं. कोरोना से बेदम हो चुके उनके फेफड़ों में दमा ने जड़ें जमा ली हैं. अब दमा शरीर का दम निकाल रहा है. उनका फेफड़ा सिकुड़ गया है. डॉक्टर इसे ‘पल्मोनरी लंग्स फाइब्रोसिस’ बता रहे हैं.
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना से उबर चुके 70 प्रतिशत लोगों में सांस फूलने और लंबे समय तक खांसी बने रहने की शिकायतें बढ़ी हैं. ओपीडी में रोज 10 फीसदी ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जो कभी कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में भर्ती हुए थे.
पल्मोनरी लंग्स फाइब्रोसिस की समस्या उनमें ज्यादा देखी जा रही है जो कोरोना संक्रमण के बाद आईसीयू, वेंटीलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट थे. इन मरीजों को सांस फूलने और छाती में दर्द की समस्या ह. बीएचयू के चेस्ट एंड टीबी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. एसके अग्रवाल के अनुसार दमा के मरीजों में बड़ा बदलाव यह है कि पहले उन्हें सांस फूलने की समस्या ज्यादा होती थी. अब खांसी ज्यादा हो रही है.