हिड़मा बटालियन की आठ लाख इनामी लड़ाकू महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
दंडकारण्य में सक्रिय नक्सलियों के सबसे खतरनाक लड़ाकू बटालियन नंबर एक की सदस्य आठ लाख की इनामी नक्सली कवासी भीमे ने गुरुवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। बटालियन नंबर एक का कमांडर हिड़मा है, जिसने बस्तर में झीरम घाटी, टेकुलगुड़ेम सहित कई बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया है।
एसपी किरण चव्हाण ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि नक्सल संगठन में बस्तर के स्थानीय लोगों से किए जा रहे भेदभाव और शासन की पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर कवासी भीमे ने आत्मसमर्पण किया है। भेजी निवासी भीमे 2015 में सीएनएम सदस्य बनकर नक्सल संगठन से जुड़ी थी। 2018 में एक माह के लिए किस्टाराम एरिया कमेटी सदस्य रही। भीमे की लड़ाकू क्षमता को देखते हुए नक्सल संगठन में उसी वर्ष उसे खतरनाक बटालियन नम्बर एक व कंपनी नंबर दो का सदस्य बना दिया। वह संगठन में रहते हुए 303 रायफल अपने पास रखती थी और कई घटनाओं में सम्मिलित रही।
2023 में कुंदेड़ एंबुश, 2018 में मिनपा मुठभेड़ में नक्सल संगठन की ओर से वह सुरक्षा बल के विरुद्ध लड़ती रही। आत्मसमर्पित नक्सली को पुलिस की ओर से प्रोत्साहन राशि दी गई है व पुर्नवास की व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान डिप्टी कमांडेंट 50 वाहनी अमित कोचर, सहायक कमाडेंट 219 वाहनी राजेश कुमार उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि अब तक कई नक्सलियों ने शासन की पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। बीते एक सप्ताह पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में दो नक्सलियों ने भी सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। सुकमा जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों के सामने दो नक्सलियों उईका मल्ला और सोड़ी हुंगा ने आत्मसमर्पण किया है। बता दें कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाती है।