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सूर्य के बिना 60 घंटे का होता दिन

सूर्य का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूमने की गति को स्थिर रखता है. अगर यह गुरुत्वीय बल न होता तो चंद्रमा का प्रभाव इस गति को धीमा कर देता. इसके चलते पृथ्वी पर दिन 24 घंटे की जगह 60 घंटे तक हो सकता था.

कनाडा में हुए एक अध्ययन में यह खुलासा किया गया है. जर्नल साइंस एडवांसेज में इस अध्ययन को प्रकाशित किया गया है. सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से निकलने वाली ज्वारीय लहरें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर घूर्णन की गति को तेज़ करती हैं. वहीं, चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण महासागरों में ज्वार द्वारा उत्पन्न प्रभाव को कम करती हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि दो अरब साल पहले से लेकर 60 करोड़ साल तक ज्वारीय लहरों ने घूर्णन गति को स्थिर रखा था.

चांद का ज्यादा प्रभाव

शोधकर्ताओं ने बताया कि हर शताब्दी में लगभग 1.7 मिलीसेकंड की दर से दिन लंबा हुआ है. वही 4.5 अरब साल से चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण दस गुना ज्यादा प्रभाव डाल रहा है.

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