Bijapur Naxal Surrender: गंगालूर एरिया कमेटी के तीन नक्सलियों का आत्मसमर्पण
Bijapur News छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर गंगालूर एरिया कमेटी के तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसमें जनमिलिशिया कमाण्डर सन्नू पूनेम उर्फ रमेश, डीएकेएमएस सदस्य सोनू पूनेम एवं आरपीसी पुसनार संघम सदस्य आयतु पूनेम शामिल है। 4 अगस्त शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय, उप पुलिस अधीक्षक सुदीप सरकार, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय तुलसी राम लेकाम के समक्ष नक्सलियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर एवं छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया।
सन्नू पूनेम ऊर्फ रमेश, नक्सली संगठन में साल 2003 में गंगालूर एरिया कमेटी मे बुरजी संघम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती हुआ। साल 2004 में गंगालूर एरिया कमेटी में डीएकेएमएस सदस्य के पद पर संगठन का कार्य दिया गया। साल 2005 में थाना गंगालूर अंतर्गत राहत शिविर पर हमला किया। साल 2006 में सलवा जुडुम कार्यकर्ता बुधराम राणा की हत्या में शामिल रहा। साल 2019 पुसनार बेरूदी नदी के पास आईईडी ब्लास्ट एवं फायरिंग की घटना में शामिल। वहीं सोनू पूनेम के खिलाफ थाना गंगालूर में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, मारपीट, बल्वा, आर्म्स एक्ट एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धाराओं में 6 स्थाई वांरट लंबित है।
आयतु पूनेम साल 1995 में गंगालूर एरिया कमेटी में पुसनार संघम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती किया गया । साल 1995 से 1997 तक पुसनार संघम सदस्य के पद पर संगठन में कार्य किया। साल 1998 में डीएकेएमएस सदस्य का कार्य दिया गया। पीड़िया में पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना में शामिल रहा। साल 1998 में कमकानार मतदान केन्द्र लूट की घटना में शामिल होने के साथ मतदान केन्द्र पर फायरिंग एवं विस्फोट करने की घटना में शामिल रहा। साल 2002 में पुसनार पंचायत भवन में तोड़फोड़ एवं लूट की घटना में शामिल। साल 2009 में तोड़का नाला के पास पुलिस पार्टी पर फायरिंग की घटना में शामिल, घटना में 1 एसपीओ घायल हुआ था।
संगठन छोड़ने का कारण
संगठन में कार्यों की उपेक्षा करने एवं भेदभाव पूर्ण व्यवहार से त्रस्त होकर एवं छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए गंगालूर एरिया कमेटी अन्तर्गत उपरोक्त नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इन सभी नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25000 -25000 रूपये (पच्चीस हजार रूपये) नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया।