बाघों का कुनबा बढ़ाकर बेहतर प्रबंधन को साबित करने वाले दुधवा और पीटीआर की रैंकिंग में जबरदस्त उछाल आई है. दुधवा टाइगर रिजर्व ने ‘गुड’ से अब ‘वेरी गुड’ की श्रेणी हासिल की है. वहीं, पीलीभीत टाइगर रिजर्व को भी प्रबंधकीय रैंकिंग में ‘फेयर’ से ‘गुड’ की श्रेणी मिली है.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण एथॉरिटी (एनटीसीए) ने दो दिन पहले ही देश भर के टाइगर रिजर्वों की प्रबंधकीय रैंकिंग जारी की है. इसमें दुधवा और पीटीआर के नाम भी अच्छे दर्जे आए हैं. एनटीसीए हर चार साल में प्रबंकीय रैंकिंग जारी करता है. इसमें टाइगर रिजर्व के अंदर बाघों के लिए माहौल, शाकाहारी वन्य जीवों की संख्या, बाघों की बढ़ती संख्या समेत तमाम मानक बिंदु हैं. 2022 में इसका सर्वे करने के लिए एक टीम भी दुधवा और पीटीआर आई थी. दुधवा टाइगर रिजर्व के निदेशक ललित वर्मा का कहना है कि यह सुखद है कि रैंकिंग में पहली बार दुधवा वेरी गुड की श्रेणी में आया है. इससे पहले गुड की श्रेणी में था, पीटीआर की रैंकिंग गुड हो गई है.
ऐसे बढ़ी दुधवा-पीटीआर की रैंकिंग
दुधवा और पीटीआर ने साल दर साल अपनी रैंकिंग में सुधार किया है. वर्ष 2010, 2014 और 2018 में जब रैंकिंग हुई तो दुधवा गुड पर ही अटका हुआ था. पहली बार 2022 की रैंकिंग में वह वेरी गुड हो गया है. इसी तरह से पीलीभीत टाइगर रिजर्व भी 2018 में फेयर तक सीमित था जो अब गुड की श्रेणी में आ चुका है.
बाघों की संख्या 153 हुई
दुधवा और पीटीआर में बाघों के कुनबे के साथ रुतबे में भी इजाफा हुआ है. दुधवा टाइगर रिजर्व में इस बार 107 से बढ़कर बाघों की संख्या 153 पहुंच गई. इनमें से 135 बाघ दुधवा कोर जोन, किशनपुर और कतर्निया घाट में हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 65 से 71 हो चुकी है.
अच्छी से बहुत अच्छी हुई रैंकिंग, एनटीसीए जारी करता है देश के सभी टाइगर रिजर्वों की प्रबंधकीय रैकिंग