खुदरा महंगाई अब भी काफी उच्चस्तर पर है और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने कुछ और समय के लिए सख्त रुख बरकरार रखने का फैसला किया है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि अगले महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दर (रेपो) को एक बार फिर यथावत रखने का फैसला लिया जा सकता है.
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक चार-छह अक्टूबर को प्रस्तावित है. एमपीसी की पिछली बैठक अगस्त में हुई थी. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्रत्त्ी मदन सबनवीस ने कहा कि उम्मीद है कि आरबीआई इस बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा क्योंकि मुद्रास्फीति अब भी ऊंची बनी हुई है और नकदी की स्थिति सख्त है. मुद्रास्फीति पर आरबीआई के अनुमान को सही माना जाए, तो तीसरी तिमाही में भी यह पांच प्रतिशत से ज्यादा रहेगी. ऐसे में चालू कैलेंडर साल 2023 में और संभवत चौथी तिमाही में भी रेपो दर में बदलाव नहीं होगा. इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्रत्त्ी अदिति नायर ने कहा कि एमपीसी अक्टूबर, 2023 नीति में भी कोई बदलाव नहीं करेगी.
रिजर्व बैंक ने आठ फरवरी 2023 को रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था और तब से इसने अत्यधिक उच्च खुदरा मुद्रास्फीति और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों सहित कुछ वैश्विक कारकों को देखते हुए दरों को उसी स्तर पर बरकरार रखा है.