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कोरबा में काबू में नहीं हो रहा डेंगू

कोरबा. एसईसीएल कोरबा महाप्रबंधक कार्यालय के पास स्थित कृष्णानगर में डेंगू के मरीज मिले हैं. इसके पहले कंपनी की आवासीय कॉलोनी जेपी कॉलोनी में भी मरीज मिले थे. डेंगू के मरीजों के मिलने से क्षेत्र के लोगों में दहशत है.

अभी तक डेंगू के मरीज मुड़ापार और सुभाष ब्लॉक क्षेत्र में मिले थे. लेकिन समय के साथ डेंगू का फैलाव भी हो रहा है. अब यह जेपी कॉलोनी तक पहुंच गई है. डेंगू बुखार से पीड़ित एक मरीज को एसईसीएल में प्राथमिक उपचार के बाद अपोलो रेफर किया गया है. क्षेत्र में मरीज मिलने से आसपास के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. यह स्थिति तब है जब कंपनी का स्थानीय प्रबंधन जेपी कॉलोनी में अक्सर साफ-सफाई कराता है. यहां डेंगू का मच्छर कैसे पहुंचा? यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है. इधर, स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि डेंगू को नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. लोगों को इस बीमारी को लीेकर सतर्क किया जा रहा है. उन्हें हिदायद दी जा रही है कि वे अपने घर या इसके आसपास बारिश का पानी एकत्र नहीं होने दें. विभाग की ओर से बताया गया है कि डेंगू का मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है. इसके काटने पर लोगों को डेंगू होता है. शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है और सिर दर्द के साथ सिर पर चढ़ता है. स्वास्थ्य विभाग की ओर कहा गया है कि इस बीमारी को लेकर सावधानी बरतें.

बारिश का यह मौसम लोगों की स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है. सर्दी, खांसी और जुखाम के साथ वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों की संया बढ़ रही है, तो डेंगू के मरीजों के मिलने का सिलसिला भी थम नहीं रहा है.

मुड़ापार में कूलर के पानी में मिले लार्वा

कोरबा में डेंगू के सबसे अधिक मरीज एसईसीएल के मुड़ापार क्षेत्र में मिले हैं. इस क्षेत्र में घनी आबादी है और साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं है. जब यहां से डेंगू के मरीज मिले, तब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन मरीजों के घर पहुंचकर छानबीन शुरू की. उनके घरों की जांच की गई. घरों में स्थित कूलर और अन्य जगह पानी से सैंपल लिए गए. तब इसकी जांच में पता चला कि सबसे अधिक लार्वा कूलर के पानी मिल रहा है. जब टीम ने जानकारी ली तो एक चौंकाने वाला तथ्य उजागर हुआ. कई लोगों ने बताया कि गर्मी के दिन में कूलर में पानी डाला था. इसके बाद कभी भी इस पानी को नहीं बदला और न ही अपने कूलर की साफ-सफाई की. जिस घरों में डेंगू के मरीज पाए गए थे, उनसे लिए गए सैंपल के आधार पर विभाग ने अनुमान लगाया है कि हर चार में से एक या दो घर में कूलर की पानी की कभी साफ-सफाई नहीं हुई. विभाग का कहना है कि कूलर में पानी लंबे समय में एकत्र होने के कारण इसमें डेंगू के मच्छर पैदा हो गए और लोग इसकी जद में आए. विभाग ने डेंगू को लेकर सतर्क रहने की अपील की है.

इस साल पॉजिटिव मरीजों की संया 50 के पार पहुंची

डेंगू को लेकर जिला प्रशासन की ओर से समय-समय पर एडवायजरी जारी की जाती है, मगर आंकडे़ बताते हैं कि इसका ज्यादा असर लोगों पर नहीं पड़ा है. इस साल डेंगू से पीड़ित मरीजों की संया 50 को पार कर गई है. सबसे अधिक मरीज मुड़ापार, सुभाष ब्लॉक क्षेत्र में मिले हैं. मुड़ापार हॉट-स्पॉट की तरह उभरा है.

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