गांधीनगर (गुजरात . केंद्र सरकार ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत फॉर्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण विनिर्माण क्षेत्र की 74 कंपनियों में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यह जानकारी दी.
शाह गांधीनगर में राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) के नवनिर्मित परिसर के उद्घाटन के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है. 16 एपीआई (सक्रिय फॉर्मास्युटिकल घटक) और दो केएसएम (प्रमुख प्रारंभिक सामग्री) के लिए किफायती, टिकाऊ और लागत प्रभावी प्रक्रिया विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले एक दशक में भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि उन्हें (एपीआई और केएसएम) निर्यात करने की स्थिति में भी होगा. मोदी सरकार ने पीएलआई योजना के तहत फॉर्मास्युटिकल विनिर्माण क्षेत्र में करीब 48 छोटे-बड़े उद्योगों को 4,000 करोड़ रुपये के निवेश की इजाजत दे दी है.
शाह ने कहा, चिकित्सकीय उपकरण विनिर्माण के लिए भी पीएलआई योजना शुरू की गई, जिसके तहत केंद्र ने 26 निवेशकों को 2,000 करोड़ रुपये के निवेश की अनुमति दी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 3,000 करोड़ रुपये की कुल लागत से तीन थोक दवा पार्क बनाए हैं. शाह ने कहा कि भारत को चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2023 लेकर आई है.
परियोजनाओं का लोकार्पण
अपने निर्वाचन क्षेत्र गांधी नगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी ने महिला नीत विकास की अवधारणा को वास्तविकता में बदल दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो का कायाकल्प किया और अन्य वैज्ञानिकों को भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में शीर्ष पर ले जाने के लिए प्रेरित किया. चांद पर तिरंगा देखना पूरे देश और दुनिया के लिए बड़े सौभाग्य की बात है.
प्रधानमंत्री मोदी को सराहा
अमित शाह ने शनिवार को नया संसद भवन, चंद्रयान-3, जी-20 शिखर सम्मेलन और महिला आरक्षण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इन सभी चार काम को तीन महीने में पूरा किया, जबकि इनमें से किसी एक को पूरा करने में आमतौर पर 50 साल लग जाते. शाह ने इसरो का कायाकल्प करने और विकसित व विकासशील देशों दोनों के साथ होने का भारत द्वारा जी-20 के जरिये संदेश देने के लिए मोदी की प्रशंसा की.