
चेन्नई . मद्रास हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि 10 वर्ष से कम उम्र की लड़की की सही देखभाल एक मां ही कर सकती है. ऐसे में यदि पति-पत्नी के अलग होने पर बच्चों की कस्टडी पत्नी को ही मिलनी चाहिए. हाईकोर्ट ने एक पिता की याचिका खारिज कर दी. याचिका में पिता ने अपनी 8 वर्षीय लड़की की कस्टडी की मांग की थी.
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आर. सुब्रह्मण्यम और न्यायमूर्ति डी.नागार्जुन की बेंच ने आठ साल की बच्ची की कस्टडी से जुड़े मामले पर ये टिप्पणी की. दंपति की शादी 2014 में हुई थी. एक साल बाद पत्नी को एक बेटी हुई. कुछ ही साल में दंपति ने तलाक ले लिया. उस समय बच्ची की कस्टडी पिता को मिल गई. इसके बाद पिता अपनी छोटी सी बच्ची को अपने माता-पिता की देखरेख में छोड़कर अमेरिका चला गया. पति ने दलील में हाईकोर्ट को बताया कि वह 2020 में तमिलनाडु की एक अदालत ने बच्ची को अमेरिका ले जाने से रोक दिया था इसलिए मां-बाप के पास उसे छोड़ना पड़ा. पिता ने आगे बताया कि उसने अमेरिका की नौकरी छोड़ मुंबई में नौकरी करने लगा. इस बीच 2022 में राज्य की एक अदालत ने बच्ची की कस्टडी मां को सौंप दी. पिता ने बच्ची की कस्टडी पाने लेने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.