कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अधिक पेंशन के आवेदकों से अतिरिक्त योगदान या बकाया राशि लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि संगठन ने पहले चरण में कुल 1,974 करोड़ रुपये के लिए 32,951 आवेदकों को मांग पत्र जारी किए हैं.
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की हालिया बैठक में इसकी जानकारी दी गई. इस दौरान सेवानिवृत्ति निधि प्रबंधक ने बताया कि अधिक पेंशन के सभी आवेदनों के निपटाने में कुछ वक्त लग सकता है.
ईपीएफओ को कुल मिलाकर उच्च पेंशन के लिए 17.49 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 6 लाख 29 हजार आवेदनों की जांच पूरी कर ली गई है और इन्हें मांग पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, 5 लाख 27 हजार आवेदनों में नियोक्ताओं को विसंगतियों में सुधार के लिए भी लिखा है.
ईपीएफओ उच्च पेंशन के लिए जो बकाया राशि निर्धारित करेगा, उसकी कटौती पीएफ खाते में उपलब्ध राशि से की जाएगी. यदि पीएफ खाते में पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है तो सदस्य को सीधे या नियोक्ता के माध्यम से जमा करनी होगी.
समय दिया जाएगा
बताया जा रहा है कि अतिरिक्त भुगतान के तौर पर जो भी राशि निर्धारित होगी, उसे ब्याज सहित चुकानी होगी. इसके बारे में सूचना उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों को दी जाएगी. पैसा जमा करने और कोष के अंतरण के लिए सहमति देने के लिए आवेदकों को समय दिया जाएगा. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर सदस्य इस बात से अवगत नहीं है कि बहुत ज्यादा राशि मांगे जाने की स्थिति में उन्हें उच्च पेंशन योजना से बाहर होने का विकल्प मिलेगा या नहीं.
सलाहकार नियुक्त
बताया जा रहा है कि बैठक में अधिक पेंशन के वित्तीय प्रभाव और इसे लागू करने की प्रक्रिया पर भी विस्तार से चर्चा हुई. ईपीएफओ ने इस मुद्दे के समाधान के लिए वित्तीय सलाहकार की नियुक्ति की है, जो सभी पहलुओं का बारीकी से मूल्यांकन कर रहा है. सभी आवेदनों के विश्लेषण के बाद ही बकाया राशि के लिए मांग पत्र जारी किए जा रहे हैं. जो आवेदक पैसा जमा करेंगे, वे उच्च पेंशन के लिए पात्र होंगे.