पांच राजयोग के साथ लक्ष्मी पूजन शाम 540 बजे से

लंबे समय बाद पांच राज योग ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार, दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को अपराह्न 230 बजे से प्रारंभ होगी. सायंकालीन और स्थिर लग्न में पूजा का विधान होने से दिवाली 12 नवंबर को होगी. इस बार पांच राजयोग गजकेसरी (मान-सम्मान), हर्ष (धन वृद्धि), उभयचरी (शांति), काहल (शुभता) और दुर्धरा (यश-वैभव) भी दिवाली के साथ होंगे.
व्यावसायिक स्थलों पर दिवाली पूजन मुहूर्त
● प्रात 920 से 1124 बजे तक (धनु लग्न)
● दोपहर 106 से 234 बजे तक ( स्थिर लग्न कुंभ)
● शाम को 541 से 857 बजे तक
दिवाली महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त
● लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 1139 से 1231 बजे तक
● अवधि- 52 मिनट
● महानिशीथ काल- 1139 से 1231 बजे तक
● सिंह काल- 1212 से 0230 बजे तक
दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा मुहूर्त (अन्य)
● प्रदोष काल- 0529 से 0807 बजे तक
● वृषभ काल- 0540 से 0736 बजे तक
दो दिन अमावस्या के कारण छह दिन का पर्व
छोटी-बड़ी दिवाली रविवार 12 नवंबर को है. ढाई बजे तक रूप चतुर्दशी रहेगी और उसके बाद कार्तिक मास की अमावस्या शुरू होगी. लक्ष्मी पूजन अमावस्या की रात्रि को ही होता है. इसलिए महापर्व दिवाली रविवार को है. सोमवार को दान-पुण्य की अमावस्या होगी. गोवर्धन का पर्व 14 नवंबर और भैयादूज 15 नवंबर को होगी.
व्यावसायिक प्रतिष्ठान
घरों में पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय
● 12 नवंबर की शाम को 535 से 731 बजे के बीच स्थिर लग्न (वृष)
शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त
● अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- 0126 से 0247 बजे तक
● सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल)- 0529 से 1026 बजे तक
● रात्रि मुहूर्त (लाभ)- 0144 से 0323 बजे तक
● उषाकाल मुहूर्त (शुभ)- 0502 से 0641 बजे तक
पूजा स्थल पर लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्रत्त् बिछाएं और वस्त्रत्त् पर अक्षत अर्थात साबुत चावलों की एक परत बिछा दें. इस पर श्री लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें. सबसे पहले भगवान गणपति का पूजन करें. लक्ष्मी-गणेश के पूजन के लिए घी का एक दीपक बनाएं, अन्य दीयों में सरसों के तेल का प्रयोग कर सकते हैं. सर्वप्रथम घी का दीया प्रज्वलित करें.
दुर्लभ संयोग भी
ज्योतिषियों के अनुसार, शनि महाराज स्वयं की राशि कुंभ में स्थित होकर शश राजयोग बना रहे हैं. आयुष्मान और सौभाग्य योग भी दिवाली पर होगा. राजयोग और शुभ संयोग का संकेत है कि यह समस्त जन को धनधान्य और सुख-शांति समृद्धि देगा. राष्ट्र भी उन्नति के नए शिखर को प्राप्त करेगा.
श्रीविष्णुप्रिया, कमलवासिन्यै मां लक्ष्मी का महापर्व दीपावली शांति, वैभव और समृद्धि का पर्व है. इस बार दो अमावस्या होने से पांच दिन का यह पर्व छह दिन में परिवर्तित है. काफी समय बाद पांच राजयोग और चार शुभ संयोगों के साथ देवी भगवती मां लक्ष्मी का रविवार 12 नवंबर को घरों, प्रतिष्ठानों में आगमन हो रहा है.