राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए 15 करोड़ों घरों को मिलेगा ‘अक्षत निमंत्रण’
बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 1 जनवरी को एक बड़े अभियान को लॉन्च किया, जिसे हाल के इतिहास का सबसे बड़ा अभियान भी बताया जा रहा है. इस अभियान के जरिए देश में घर-घर पहुंचकर ‘अक्षत’ बांटा जाएगा. कहा जा रहा है कि ‘सबके राम’ का नारा भी पूरे देश में प्रचारित किया जाएगा.
आरएसएस की के सहयोगी संगठन विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने 15 करोड़ घरों तक पहुंचने का संकल्प लिया है. इसके तहत 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लेने, पड़ोस के मंदिरों को सजाने और दीया जलाकर अपने-अपने घरों के मंदिरों को सजाने की गुजारिश की जाएगी. लोगों को बताया जाएगा कि वे राम मंदिर के उद्घाटन का जश्न मनाएं. माना जा रहा है कि इसके जरिए बीजेपी के लिए कहीं न कहीं 2024 की जमीन तैयार की जा रही है.
घर-घर बांटा जा रहा अक्षत
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, वीएचपी कार्यकर्ता 15 जनवरी तक लोगों को पवित्र ‘अक्षत’ के साथ-साथ भगवान राम और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तस्वीर को बांटेंगे. लोगों को अक्षत और तस्वीर बांटने का काम व्यक्तिगत रूप से यानी घर-घर जाकर किया जाएगा. अक्षत को बांटने का काम देशभर में एक जनवरी से शुरू हो गया है. सबसे पहले अयोध्या के वाल्मिकी कॉलोनी में लोगों के घर-घर जाकर अक्षत और तस्वीरों को बांटा गया है.
दिल्ली में अक्षत बांटने की शुरुआत भी भगवान वाल्मिकी आश्रम से हुई. एक तरह से बीजेपी ने ये दिखाना चाहती है कि वह देश के अनुसूचित जाति के तबके से जुड़ी हुई है. ये वही इलाका है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी. वहीं, अक्षत बांटने के अभियान के दौरान लोगों से गुजारिश की जाएगी कि वे प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अपने पड़ोस के मंदिरों में जाएं. वीएचपी मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का लाइव टेलिकास्ट करने की योजना भी बना रही है.
दो हिस्से में चलेगा पूरा अभियान
अभियान के पहले हिस्से के तौर पर लोगों को 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के दिन रात के वक्त अपने-अपने घरों में कम से कम पांच दीया जलाने को कहा जाएगा. दूसरे हिस्से के तौर पर लोगों को अयोध्या के दर्शन करवाए जाएंगे. 22 जनवरी के बाद लोग राम मंदिर में जाकर पूजा कर पाएंगे. बीजेपी 22 जनवरी के बाद रोजाना 55 लाख लोगों को राम मंदिर के दर्शन करवाने की योजना पर काम कर रही है. इसे लोकसभा के लिए प्रचार के तौर पर भी देखा जा जा रहा है.