धर्म एवं साहित्यट्रेंडिंगराष्ट्रीय

रामकथा के साथ प्राण प्रतिष्ठा महामहोत्सव आरंभ होगा

अयोध्या. सूर्य देवता के उत्तरायण में जाने के साथ ही 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा के लिए जरूरी अनुष्ठानों की शुरुआत हो जाएगी. इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार का संस्कृति विभाग द्वारा 8 जनवरी से सरयू तट के किनारे राम कथा पार्क में देश के प्रख्यात कथाकारों की रामकथा की अमृत वर्षा कराएगा. इसके साथ महामहोत्सव का आगाज हो जाएगा, जो होली तक चलेगा.

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का दिन जैसे – जैसे नजदीक आ रहा है, अयोध्या सहित समूचे देश में उत्साह चरम की ओर पहुंचने लगा है. इसीलिए प्रतिदिन रामधाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा 16 जनवरी से धार्मिक आयोजन की शृंखला शुरू हो जाएगी, जो 22 की दोपहर बाद मृगशिरा नक्षत्र में रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा तक जारी रहेगी.

इससे पहले पूरे माहौल को राममय बनाने के लिए संस्कृति विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. 8 से राम कथा का दौर शुरू होगा तो वह होली यानी 24 मार्च तक चलेगा. इस बीच विभाग द्वारा रामोत्सव के तहत अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी प्रस्तावित हैं.

इनके आयोजन प्रस्तावित संस्कृति विभाग द्वारा राम कथा पार्क में 8 से 14 जनवरी तक चिन्मयानंद बापू, 30 जनवरी से 7 फरवरी तक जगतगुरु रामदिनेशाचार्य इसके बाद देवकीनंदन ठाकुर की रामकथा प्रस्तावित है.

वहीं पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित बड़ा भक्तमाल की बगिया में 14 से 22 जनवरी तक पद्मविभूषण तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य की कथा होगी. इसी आयोजन में हेमा मालिनी, कन्हैया मित्तल, मनोज मुंतशिर शुक्ला, अनूप जलोटा, कुमार विश्वास, मनोज तिवारी, रवि किशन, दिनेश लाल यादव और मालिनी अवस्थी के शामिल होने की बात है. बड़ी छावनी प्रांगण में श्री राम महायज्ञ का आयोजन 10 से 18 फरवरी तक होगा. 25 से 31 जनवरी तक उदासीन संगत ऋषि आश्रम रानोपाली में श्रीमद् भागवत कथा पुंडरीक गोस्वामी जी कहेंगे.

रामलला का खुद से बनाया विग्रह दिया

जयपुर के कारीगर चंद्रेश पाण्डेय ने अपनी ओर से बनाए गए रामलला के विग्रह के साथ राम दरबार का विग्रह बनाकर तीर्थ क्षेत्र को सौंप दिया है. यह विग्रह कारसेवकपुरम में स्थित एक मंदिर में रखा गया है. संगमरमर के इस विग्रह के निर्माण में तीर्थ क्षेत्र की अपेक्षाओं को पूरा करने की कोशिश की गई है.

यह कारीगर शिलाओं के आगमन के दौरान अयोध्या आए थे और उन्होंने तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों से आग्रह किया था कि उन्हें भी विग्रह निर्माण का अवसर दिया जाए लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला था.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button