अयोध्या में आधुनिकता के साथ त्रेता युग का अहसास
लखनऊ, राम की नगरी अयोध्या अब बदल गई है. अयोध्या में आधुनिकता के साथ त्रेता युग का अहसास होने लगा है.
यहां अधुनिकता का अहसास कराने वाला महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन गया है. वहीं, राम मंदिर के डिजाइन में बना अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन है, जो लोगों को त्रेता युग का अहसास करा रहा है.
लंबे समय तक उदास और उपेक्षित रही अयोध्या महज एक साल में एकदम से बदल गई है. अयोध्या को नया स्वरूप देने में कई योजनाओं की भूमिका है. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन के अलावा रामनगरी को बदलाव का अहसास कराने में नवनिर्मित रामपथ, जन्मभूमिपथ और भक्तिपथ का भी योगदान है. सौंदर्यीकरण के लिए इन तीन मार्गों पर लगाई गई फसाड लाइटें अलग आभा बिखेर रही हैं.
सड़कों के किनारे दीवारों पर बनाई गईं टेराकोटा कलाकृतियां और राम की पैड़ी में म्यूरल आर्ट पेंटिंग, डेकोरेटिव पोल एवं हेरिटेज लाइटें लगने से अयोध्या नगरी अलग तरह की अनुभूति करा रही है.
हनुमत निवास महंत आचार्य मिथिलेश नंदिनीशरण ने कहा, अयोध्या उदास नहीं, बल्कि शांत है. शहर उसके अधिपति के स्वभाव के अनुकूल है.
रामलला 18 जनवरी को गर्भगृह में प्रवेश करेंगे
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 16 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. 18 को रामलला की मूर्ति अपने आसन पर दोपहर तक स्थापित कर दी जाएगी. मूर्ति लगभग डेढ़ टन की है. पांच वर्ष के बालक को खड़े मूर्ति में स्वरूप दिया गया है.