राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को संसद भवन में बजट सत्र के पहले दिन अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए कानून लाएगी.
दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति ने कहा कि 22 जनवरी को सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं. राष्ट्रपति ने बीते दस वर्षों में मोदी सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस अवधि में देश ने ऐसी कई परियोजनाएं पूरी होती देखीं, जिनका दशकों से इंतजार था. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा और भारत विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया. 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए.
अधिकतम दस साल की सजा का प्रावधान
राष्ट्रपति ने परीक्षा में धांधली रोकने के लिए जिस कानून को लाने का जिक्र किया है, उसमें कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है. आरोपियों को एक से तीन साल की सजा के साथ तीन से पांच लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है. मामले में संगठित माफिया के शामिल होने पर सजा दस वर्ष और जुर्माना एक करोड़ तक बढ़ सकता है. सरकार इसे सोमवार को सदन में पेश कर सकती है.