केंद्र सरकार जुलाई महीने में पेश होने वाले पूर्ण बजट में विकसित भारत के हिसाब से रोडमैप पेश करने जा रही है लेकिन आयकर विभाग का मानना है कि वो अभी से विकसित भारत के हिसाब तकनीकी तौर पर सक्षम हो गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानि सीबीडीटी के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने हिंदुस्तान के साथ विशेष बातचीत में कहा कि जिस तरह की टैक्स रिटर्न फाइलिंग और रिफंड देने की तेज व्यवस्था भारत में है वैसी विदेशों में भी नहीं है.
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने पिछले दो वर्षों में करदाताओं कि तरफ से अपडेट किए गए 56 लाख आईटी रिटर्न से करीब 4,600 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में आए हैं. करदाताओं को राहत देने के उद्देश्य से सरकार ने कर्नाटक के मैसूर में डिमांड मैनेजमेंट कॉल सेंटर शुरू किया है.
इस सेंटर के माध्यम से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की कर मांग वाले मामलों को निपटाने का काम किया जा रहा है. इसके तहत दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक, गोआ, तमिलनाडु, हरियाणा और पुणे जैसे राज्यों के मामले निपटाए जा रहे हैं.
अंतरिम बजट 2024-25 प्रस्ताव के तहत सरकार 2014-15 तक 3,500 करोड़ रुपये की कुल 1.11 करोड़ विवादित कर मांगों को वापस लेगी. ये लंबित मांग आय, संपत्ति और उपहार करों के संबंध में हैं.
करीब 80 लाख करदाताओं को योजना से फायदा होगा
नितिन गुप्ता के मुताबिक इस कदम से करीब 80 लाख करदाताओं को फायदा होगा. करदाताओं के लिए राहत वाले उपायों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस साल करीब 22 फीसदी रिटर्न उसी दिन प्रॉसेट कर दिए गए थे. बाकी रिटर्नों को भी तेजी से तकनीक और आयकर अधिकारियों के जरिए जांच परख कर प्रॉसेस किया जाता है.