Vindhyeshwar Mahadev: इस महादेव मंदिर में उलटी दिशा में क्यों है नंदी का चेहरा? सावन में पूरी होती है हर मनोकामना पूरी

Vindhyeshwar Mahadev Mandir: हिंदू धर्म में सावन का महीना काफी पवित्र माना जाता है। ये महीना भगवान शिव को काफी प्रिय है। कहा जाता है कि पूरे सावन शिव भगवान की आराधना जिस किसी ने भी सच्चे मन से कर ली समझो उसकी सारी कामनाएं पूरी हो जाती है। इस दौरान तमाम लोग घर में ही शिव की आराधना करते हैं। वहीं कुछ लोग मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं। ऐसे भी कई लोग हैं जो महीनों से प्लानिंग करके सावन के महीने में ज्योतिर्लिंग या फिर किसी भी सुप्रसिद्ध मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं।
शिव जी का चमत्कारी मंदिर
आप भी इस साल सावन के महीने में किसी प्रसिद्ध मंदिर में शिव जी को पूजना चाहते हैं? अगर आप प्लान कर रहे हैं लेकिन कन्फ्यूज हैं तो बता दें कि शिव जी का एक चमत्कारी मंदिर है, जिसकी विशेष मान्यता है। ये मंदिर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के विंध्याचल में स्थित मां विंध्यवासिनी धाम के पास ही है। मान्यता है कि जिस किसी ने भी इस चमत्मकारी शिव मंदिर में सावन के महीने में आकर मत्था टेक लिया तो उसकी हर कामना शिवजी खुद पूरी करते हैं। बता दें कि सावन में कई लोग विंध्यवासिनी धाम में दर्शन के लिए आते हैं। इसी मंदिर के पास ही शिव जी का विन्ध्येश्वर महादेव मंदिर भी है। विन्ध्येश्वर महादेव को विंध्य का ईष्ट माना गया है। इस मंदिर में कई तरह की पूजा भी करवा सकते हैं। इस मंदिर में एक प्राचीन शिवलिंग हैं और कुछ लोगों का मानना है कि ये वहीं शिवलिंग है जिसकी स्थापना खुद रावण ने अपने हाथों से की थी।
दूसरी ओर है नंदी का मुख
बता दें कि विन्ध्येश्वर महादेव मंदिर परिसर में स्थित शिवलिंग बाकी जगहों से काफी अलग है। वहीं इस मंदिर में स्थित नंदी की दिशा भी काफी अलग है। ज्यादातर मंदिरों में शिवलिंग उत्तर दिशा में होता है और नंदी का मुख भी उसी ओर होता है, लेकिन विन्ध्येश्वर महादेव मंदिर में नंदी का मुख पश्चिम दिशा की ओर है। दरअसल मंदिर में गंगा का शयन स्थान है। इसी वजह से नंदी का मुख दूसरी ओर है। मंदिर में दूसरी ओर मां भगवती की मूर्ति है।
विन्ध्येश्वर महादेव मंदिर की मान्यता
कहते हैं कि इस मंदिर में आकर पूजा करने से लोगों के कई रुके और फंसे हुए काम जल्दी पूरे हो जाते हैं। वहीं यहां पर लोग निसंतान और गृह कलेश जैसी कई तरह की समस्याओं का निदान पाने आते हैं। मंदिर परिसर में कई तरह की पूजा होती है। परिसर के आसपास ही आप कई तरह के मंत्रोच्चारण भी सुन सकेंगे।