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शुभांशु शुक्ला ने स्‍पेस से परिवार से की बात, अंतरिक्ष से मां को दिखाया सूर्योदय और अंतरिक्ष के नजारे

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में जाने के बाद पहली बार अपने परिजनों से बात की। यह एक भावुक क्षण था, जब सभी की आंखों में खुशी का ऐसा समंदर उमड़ा कि तमाम बार शब्द हलक में ही अटक गए। आश्चर्य मिश्रित खुशी के बीच शुभांशु ने अपनी मां को अंतरिक्ष से सूर्योदय का अप्रतिम नजारा दिखाया, जिसे देखकर सभी वाह-वाह कर उठे। यह बातचीत एक्सिऑम स्पेस, नासा और स्पेस एक्स के एक्स-4 चालक दल ने नासा के टीडीआरएस नेटवर्क के माध्यम से की। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष में जाने के बाद उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।

शुभांशु से बातचीत ही नहीं, वे तमाम दृश्य भी सभी के जेहन में सदा के लिए नख्श हो गए जो कल्पनातीत थे। यह सबकुछ घटा लखनऊ के त्रिवेणी नगर स्थित शुभांशु के घर में। पंद्रह मिनट की इस बातचीत में पिता शंभूदयाल शुक्ला, मां आशा शुक्ला व बड़ी बहन शुचि मिश्रा त्रिवेणीनगर स्थित आवास से और सबसे बड़ी बहन निधि मिश्रा नोएडा एवं शुभांशु की पत्नी कामना अमेरिका के अटलांटा से जुड़ीं। शुभांशु के परिजनों से जुड़ने का समय गुरुवार शाम 5:20 से 5:35 बजे तक का तय था।

शुभांशु शुक्ला ने उनके साथ अपने तमाम अनुभव साझा किए। शुभांशु ने परिजनों को अन्तरारष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की वर्चुअल सैर कराई। बातचीत के समय ही सूर्योदय हो रहा था। शुभांशु ने अंतरिक्ष से सूर्योदय का नजारा परिजनों को दिखाया। शुभांशु ने अपनी मां से कहा कि वह सूर्योदय का यह अद्भुत दृश्य देखें। मां आशा शुक्ला ने इस नजारे को अविस्मरणीय बताया।

परिजनों ने बताया कि जैसे ही उन्हें पता चला कि उन लोगों को शुभांशु से संपर्क होने वाला है वैसे ही पूरे परिवार में खुशी का लहर दौड़ गई। लैपटॉप के जरिए परिवार ने बात की।

शुभांशु ने परिजनों को बताया कि शुरुआत के दो दिन अंतरिक्ष में अटपटा लगा। स्पेस स्टेशन 28 हजार 163 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती के चक्कर लगा रहा है। हर 90 मिनट में यह पृथ्वी का एक चक्कर पूरा कर लेता है। इस दौरान उनको 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखने का मौका मिलता है।

पिता शंभूदयाल शुक्ला ने बताया कि इसी बीच सूर्योदय का समय भी हो गया तो शुभांशु ने स्पेस स्टेशन की खिड़की से वह दृश्य साझा किया। साथ ही यह भी दिखाया कि आसमान से धरती कैसी दिखती है। इसके अलावा उन्होंने अपने मिशन से जुड़े कुछ पहलुओं को भी परिवार से साझा किया।

शुभांशु ने केरल के 200 छात्रों से बात की

केरल की सरकारी स्कूलों के करीब 200 छात्रों ने एक अनोखा और रोमांचक अनुभव हासिल किया जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सीधे भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बात की। इस क्रम में केरल के कोझीकोड में दसवीं की छात्रा शांघवी ने जब शून्य गुरुत्वाकर्षण में तैरते शुभांशु को गेंद खेलते देखा तो खुशी से झूम उठी। वह बोलीं, ‘मैं उत्साहित थी।

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