एक्सप्रेस ट्रेन 160 किलोमीटर की गति से दौड़ेंगी

वंदे भारत की तरह होंगे मेल-एक्सप्रेस के डिब्बे, पुराने कोच बदलने जा रहा रेलवे
नई दिल्ली. भारतीय रेल की मेल-एक्सप्रेस ट्रेन जल्द ही 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ेंगी. अब इनको वंदे भारत कोच के मानक के अनुसार बदला जाएगा. इसके कोच अधिकतम 160 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ाने के लिए बनाए गए हैं.
मेल-एक्सप्रेस ट्रेन में दशकों पुराने लोहे के बने आईसीएफ कोच 110 किलोमीटर की गति से चलने के लिए डिजाइन किए गए थे, लेकिन भारतीय रेल के बेड़े में करीब 2200 मेल-एक्सप्रेस ट्रेन के पुराने कोच (आईसीएफ) को बदलने जा रही है.
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दशकों पहले इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) चेन्नई, तमिलनाडु में यात्री कोच का निर्माण किया जाता था.
इसलिए इन कोच को आईसीएफ कोच कहते हैं. लोहे से बने होने के कारण इसका वजन अधिक होता है और इसमें एयर ब्रेक है. आईसीएफ कोच का डिजाइन अधिकतम 110 किमी प्रति घंटा है. इसके रख-रखाव में ज्यादा खर्च होने के साथ बैठने की क्षमता कम (स्लीपर-72 व एसी-3 में 62) होती है. इसकी सबसे बड़ी खामी यह है कि दुर्घटना में यह कोच एक दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान होता है.
अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में भारतीय रेल में 40,000 आईसीएफ कोच हैं. आईसीएफ कोच को वंदे भारत कोच में परिवर्तित करने में चार से पांच साल का समय लगेगा.
स्टेनलेस स्टील के हैं कोच वंदे भारत के कोच स्टेनलेस स्टील के बने हैं. इसलिए यह हल्के और मजबूत हैं. इसके कोच अधिकतम 160 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ाने के लिए बने हुए हैं. कोच में ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं, जो मेट्रो के दरवाजे की तरह खुलते हैं. यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेन के रुकने पर ही दरवाजे खुलते हैं.