खतरनाक हो सकता है ChatGPT या Gemini जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल
जेनरेटिव AI टूल्स तेजी से चर्चा में आए हैं और अब आम इंटरनेट यूजर्स भी इनका इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में करने लगे हैं. ईमेल से लेकर सोशल मीडिया पोस्ट लिखने या फिर कोई फोटो जेनरेट करने के लिए भी अब AI की मदद ली जा रही है. अगर आप भी ChatGPT या Gemini जैसे टूल्स इस्तेमाल करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. ऐसा ना करना खतरनाक हो सकता है और डाटा लीक जैसे मामलों का शिकार होना पड़ सकता है.
अपनी पर्सनल जानकारी बिल्कुल ना दें
AI चैटबॉट से बात करते वक्त इस बात का ध्यान सबसे पहले रखा जाना चाहिए कि आप अपनी पर्सनल या सेंसिटिव जानकारी उसे ना दें. उदाहरण के लिए, पासपोर्ट डीटेल्स, आधार कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट नंबर या फिर कार्ड डीटेल्स, एड्रेस और टेलीफोन नंबर कुछ ऐसी जानकारियां हैं, जो AI टूल्स के साथ कभी नहीं शेयर करनी चाहिए.
प्राइवेसी सेटिंग्स में करें बदलाव
साइबर सुरक्षा कंपनी KasperSky की सलाह है कि यूजर्स को OpenAI या Google जैसे लार्ज-लैंग्वेज-मॉडल (LLM) वेंडर की प्राइवेसी सेटिंग्स रिव्यू करनी चाहिए. जैसे- OpenAI के प्रोडक्ट ChatGPT या DALL.E में यूजर्स को चैट हिस्ट्री डिसेबल करने का विकल्प मिलता है. ऐसा करने की स्थिति में डाटा और चैट्स 30 दिनों बाद हटा दी जाती हैं और इस डाटा का इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए नहीं किया जाता.
पर्सनलडॉक्यूमेंट अपलोड ना करें
ढेरों जेनरेटिव AI चैटबॉट्स यूजर्स को PDF फाइल्स और डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने का विकल्प देते हैं, जिससे डॉक्यूमेंट में लिखी बातों पर चर्चा की जा सके. ध्यान रहे कि आप कभी पर्सनल डॉक्यूमेंट अपलोड ना करें. ऐसी स्थिति में डाटा लीक का शिकार होना पड़ सकता है.
कमकरें थर्ड-पार्टी प्लग-इन्स का इस्तेमाल
अगर आप चैटबॉट इस्तेमाल करते वक्त ढेरों थर्ड-पार्टी प्लग-इन इस्तेमाल कर रहे हैं तो इससे बचें. दरअसल, ऐसा करने की स्थिति में थर्ड-पार्टी को भी आपके डाटा का ऐक्सेस मिल रहा होता है और आपको नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
कोड भेजने से पहले गोपनीय डाटा हटाएं
कई इंजीनियर्स और डिवेलपर्स कोडिंग के लिए भी ChatGPT या Gemini जैसे टूल्स इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे वे कोडिंग में सुधार कर सकें और खुद को बेहतर बना सकें. ध्यान रहे, हर बार कोड चैटबॉट को भेजने से पहले उससे API कीज और सर्वर एड्रेस जैसा गोपनीय या पर्सनल डाटा हटा दें.
समझना जरूरी है कि जब आप किसी AI चैटबॉट से बात कर रहे होते हैं या अपना काम करने के लिए उसे कमांड्स देते हैं तो वह इस डाटा और कमांड्स के जरिए सीख भी रहा होता है. इस तरह आपकी ओर से भेजे गए डाटा का इस्तेमाल कई बार उसकी ट्रेनिंग के लिए किया जाता है और वही डाटा किसी अन्य यूजर के साथ गलती से लीक हो सकता है.