सरकारी आवास बदलने के मामले में लखमा को हाईकोर्ट से स्टे
बिलासपुर: पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा का आवास बदलने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. लखमा ने सुरक्षा की दृष्टि से पूर्व आवास को ही उचित बताते हुए याचिका दायर की थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की याचिका पर स्टे दे दिया है. उल्लेखनीय है कि नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त विधायक और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को सुकमा जिला मुख्यालय में एसपी बंगले के पास आवास आवंटित किया गया था.
सरकार बदलने के बाद उन्हें दूसरी जगह आवास आवंटित करने का आदेश जारी किया गया है. लखमा ने इसे एडवोकेट अविनाश के मिश्रा के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आवास आवंटन नियम प्रस्तुत करने को कहा था. सोमवार 26 फरवरी को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने फिलहाल स्टे दिया है. ज्ञात हो कि बस्तर के कोंटा विधानसभा क्षेत्र से 6वीं बार विधायक निर्वाचित हुए कांग्रेस के कवासी लखमा को सुकमा जिला मुख्यालय में फॉरेस्ट कॉलोनी में एफ-6 आवास आवंटित किया गया था.
नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए राज्य शासन ने लखमा को जेड प्लस सुरक्षा दी हुई है. इस वजह से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें फॉरेस्ट कॉलोनी में एसपी बंगले से लगा हुआ आवास दिया गया था. इस मकान को भाजपा के मंत्री केदार कश्यप भी अपने लिए आवंटित कराना चाह रहे हैं. प्रशासन की ओर से मंत्री कश्यप के नाम पर उस आवास का आवंटन भी कर दिया गया है. इसी आदेश पर हाईकोर्ट ने स्टे लगाया है.