राष्ट्रीयट्रेंडिंगधर्म एवं साहित्य

तहखाने की मरम्मत को मंदिर न्यास कोर्ट पहुंचा

ज्ञानवापी परिसर स्थित दक्षिणी तहखाने की मरम्मत और पुजारियों की सुरक्षा के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. न्यास की ओर से सोमवार को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है. अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य के बहिष्कार के कारण सुनवाई 19 मार्च तक के लिए टाल दी गई.

मंदिर न्यास ने अर्जी के जरिये अवगत कराया है कि जिला जज के 31 जनवरी के आदेश के तहत बतौर रिसीवर डीएम के निर्देश पर मंदिर न्यास की ओर से पुजारियों को नियुक्त कर तहखाने में मूर्तियों का दर्शन-पूजन व राग-भोग निरतंर जारी है.

विगत दिनों पुजारियों ने मंदिर प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर जानकारी दी कि तहखाने में पूजनस्थल के पास पत्थर की दीवारें व छत जीर्ण होने से छत से पानी का लगातार रिसाव हो रहा है. छत की एक पत्थर की बीम में दरार पड़ गई है.

अर्जी में कहा गया है कि पूजन शुरू होने के बाद ज्ञानवापी में नमाजियों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है. इसस ऊपर की फर्श पर अधिक बोझ पड़ रहा है. 15 फरवरी को नमाज के दौरान एकत्र भीड़ के दबाव से छत में कम्पन हो गया था और छत से एक पत्थर टूटकर विग्रह चबूतरे के ठीक बगल में गिरा. ऐसी परिस्थिति में पुजारियों पर खतरा मंडरा रहा है. इन समस्याओं व परिस्थितियों से कमिश्नर व डीएम को भी अवगत कराया जा चुका है. इसके बावजूद अब तक कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है.

मंदिर न्यास ने अर्जी में यह भी गुहार लगाई है कि पूजास्थल की छत के अंदर से मरम्मत कराना अतिआवश्यक है. अन्यथा कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है. वहीं जर्जर स्थिति देखते हुए लोगों का छत पर भीड़ के नियंत्रण की भी आवश्यकता है. इसके लिए सम्बंधित पक्षों को कार्रवाई के लिए आदेशित किया जाए.

उर्स और चादरपोशी की सुनवाई 18 को

सिविल जज सीनियर डिवीजन (एफटीसी) प्रशांत सिंह की कोर्ट में लम्बित ज्ञानवापी में उर्स और चादरपोशी प्रकरण में सुनवाई सोमवार को टल गई. अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत होने से सुनवाई नहीं हो पाईं. अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी. राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता मानवहादुर सिंह व अनुपम द्विवेदी की ओर से पक्षकार बनाए जाने की अर्जी पर सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि जुलाई-2022 में लोहता के मुख्तार अहमद समेत चार मुस्लिमों ने वाद दाखिल कर ज्ञानवापी स्थित मजार पर उर्स, चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की अनुमति मांगी है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button