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Ganga Dussehra: आज गंगा दशहरा के कैसे करें मां गंगा की पूजा, गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त, जानें विधि व उपाय

ज्येष्ठ शु्क्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा दशहरा के दिन दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन स्नान, दान और उपवास का विशेष महत्व माना जाता है। इस साल ज्येष्ठ गंगा दशहरा पर दशमी तिथि 4 जून की देर रात 11 बजकर 54 मिनट से 5 जून की देर रात 2 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 5 जून को पूरे दिन स्नान-दान कर पुण्य प्राप्त कर सकेंगे। इस बार 5 जून को भोर 3 बजकर 35 मिनट से सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक और पुन: सुबह 9.13 तक गंगा स्नान विशेष शुभफल दायी रहेगा, क्योंकि इस समय तक सिद्धि योग रहेगा। इस योग में स्नान और दान का पुण्य दोगुना मिलेगा।

इस साल गुरुवार के दिन शुभ संयोग में गंगा दशहरा पूजन व स्नान किया जाएगा। जब-जब पुण्य और मोक्ष की बात होती है, मां गंगा का नाम सबसे पहले लिया जाता है। गंगा दशहरा पर भक्त देवी गंगा की पूजा व गंगा स्नान करते हैं। रवि योग और हस्त नक्षत्र के योग में स्नान और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है। तैतिल और गर करण जैसे शुभ संयोग भी इस दिन को और पावन बना रहे हैं। गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान और दान-पुण्य करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा में पवित्र स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन अगर आप भी घर पर स्नान या पूजन करना चाह रहे हैं तो जानें पूजन की सम्पूर्ण विधि-

गंगा दशहरा के दिन घर पर कैसे करें मां गंगा की पूजा, जानें विधि: प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें। गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि संभव न हो तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। पूजा घर, मंदिर या पूजा स्थल पंडाल को गंगा जल से शुद्ध कर करें। पूजा की चौकी पर पीला या लाल वस्त्र बिछाकर उस पर मां गंगा की तस्वीर स्थापित करें। जलाभिषेक करें। मां गंगा की मूर्ति को चंदन का तिलक लगाकर अक्षत, फल और फूल अर्पित करें। देवी गंगा को मिष्ठान, मिश्री, दही, हलवा, पंचामृत या खीर का भोग लगाएं। मां गंगा का ध्यान करते हुए ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ गंगे नमः’ अथवा ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति’ आदि मंत्रों का जाप करें। भगवान शिव व विष्णु जी की भी पूजा करें। पूरी श्रद्धा के साथ गंगा मैया की आरती करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें।

दान: इस दिन तिल, तुलसी, घी, कपड़े, पंखा, जल का घड़ा और अनाज आदि का दान करें।

उपाय- सुख, समृद्धि व शांति के लिए गंगा चालीसा व गंगा स्त्रोत का पाठ करें।

कैसे करें मां गंगा की पूजा

इस दिन पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। पूजन में 10 प्रकार के फूल, 10 प्रकार के नैवेद्य, 10 प्रकार के ऋतुफल, 10 ताम्बूल, दशांग, धूप के साथ 10 दीपक जलाना चाहिए। गंगा अवतरण की कथा का श्रवण, श्रीगंगा स्तुति एवं श्रीगंगा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। गंगा दशहरा पर ‘ऊँनमः शिवाय नारायण्ये दशहराये गंगाय नमः’ मंत्र के जप का भी विधान बताया गया है।

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