
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पेटीएम वॉलेट का उपयोग करने वाले 80-85 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं को नियामकीय कार्रवाई के कारण किसी भी बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं शेष उपयोगकर्ताओं को अपने ऐप को अन्य बैंकों से जोड़ने की सलाह दी गई है.
रिजर्व बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते में जमा या ह्यटॉप-अपह्ण स्वीकार करने से रोक दिया. दास ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़े वॉलेट को अन्य बैंकों के साथ जोड़ने की समयसीमा 15 मार्च तय की गई है. उन्होंने समयसीमा आगे बढ़ाए जाने की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि 15 मार्च तक का दिया गया समय पर्याप्त है और इसे आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि 80-85 प्रतिशत पेटीएम वॉलेट अन्य बैंकों से जुड़े हुए हैं और शेष 15 प्रतिशत को अन्य बैंकों से जुड़ने की सलाह दी गई है. दास ने कहा कि आरबीआई ने अपने नियमन के दायरे में आने वाली इकाई पीपीबीएल के खिलाफ कार्रवाई की है. इसमें वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ कुछ भी नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसके उलट आरबीआई वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवोन्मेष का समर्थन करता है और नये उत्पादों के परीक्षण को लेकर सैंडबॉक्स (सीमित दायरे में उत्पादों का लाइव परीक्षण) व्यवस्था लेकर आया है .