रायपुर: ग्रुप डी की भर्ती में धोखा, अब रोजी-रोटी की सता रही चिंता

रायपुर. रेलवे के अत्याधुनिक स्टेशन बनाने की योजना से वर्षों से कार्यरत वेंडरों को रोजी-रोटी जाने की चिंता सता रही है. बुधवार को रेलवे खानपान सेवा ठेकादारी कर्मचारी कल्याण संघ रायपुर की बैठक में सामाजिक सुरक्षा को लेकर सभी ने आवाज बुलंद की. अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष ऋषि उइके ने कड़ा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि चार से पांच रेलमंत्री बदल गए. भरोसा दिला गया था कि वेंडरों को रेलवे के ग्रुप डी की भर्ती किया जाएगा, परंतु उनके साथ धोखा हुआ और अत्याधुनिक स्टेशन में रोटी-रोजी जाने का खतरा बढ़ता जा रहा है. क्योंकि अभी तक रेलवे प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है. इससे हजारों वेंडरों में आक्रोश बढ़ रहा है.
रेलवे स्टेशन में बैठक कर सभी एकजुटता दिखाते हुए रेलवे के रवैए पर विस्तार से चर्चा की. खान पान सेवा के तहत रेलवे स्टेशन रायपुर में कार्य करने वाले वेंडरो के हितों एवं मूलभूत सुविधाओं को लेकर सदस्यों ने रोजगार व परिवार के भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की. उनका कहना था कि रेल मंत्रालय रायपुर स्टेशन का कायाकल्प विश्वस्तरीय सेवाएं उपलब्ध करवाने की योजना का दावा कर रहा है. इससे स्वभाविक है कि किसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनी को खानपान की सेवाएं सौंपी जाएंगी. ऐसे में रेलवे स्टेशन रायपुर में सन् 1992 से नियमित रूप से कार्य करने वाले सैकड़ों वेंडरो के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होने से भविष्य अंधकार मय हो जाएगा. बैठक में मुख्य रूप से आंनद दुबे, संतोष सिन्हा, विपिन पटेल, राजेश देवांगन, दयाराम सोनकर, राजकुमार पटेल, सुरेश सिह ठाकुर, संजय भास्कर, पवन देवांगन सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे.
हजारों लोगों का रोजगार प्रभावित होगा
संस्था के अध्यक्ष ऋषि उइके ने कहा कि रेलवे प्रशासन कोई भरोसा नहीं दे रहा है. जबकि रेलवे स्टेशन रायपुर में केवल वेंडरों का ही रोजगार प्रभावित नहीं होगा, बल्कि हजारों लोगों की रोजी-रोटी स्टेशन से जुड़ी हुई है. जैसे कुली, शू-मेकर, सफाई कर्मचारी शामिल हैं. इनकी जगह आधुनिकता का बोलबाला होने से क्या होगा. उपस्थित सदस्यों द्वारागहन विचार विमर्श कर यह निर्णय लिया कि प्रधानमंत्री, रेलमंत्री सहित रेलवे के तमाम आला अधिकारियों को पत्र लिखकर वेंडरों को रेलवे विभाग में चतुर्थ श्रेणी में समायोजित किए जाने की गुहार लगाएंगे.