पर्याप्त नींद नहीं लेने से लोग मधुमेह का शिकार हो रहे हैं. इनमें वयस्कों से लेकर कम उम्र के नौजवान भी शामिल हैं. डॉक्टरों का कहना है कि नींद की कमी से लोगों में टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है.
एम्स के हार्मोन रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश खड़गावत ने बताया कि लोगों के सोने का पैटर्न बिगड़ने पर शरीर में इन्सुलिन प्रतिरोध होने लगता है. टाइप-2 डायबिटीज़ में शरीर इंसुलिन तो बनाता है पर वह पर्याप्त नहीं होता है, इसलिए नींद न पूरी होने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है.
डॉ. राजेश खड़गावत के मुताबिक, नींद स्वास्थ्य के लिए उतनी ही जरूरी है, जितना कि पोषण और व्यायाम. नींद की कमी से कोर्टिसोल जैसे तनाव वाले हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध होता है और ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है. इसके अलावा, तनाव में हार्मोन के उच्च स्तर से उन खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों की क्रेविंग होती है, जो शुगर और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं.
ये दिक्कतों हो रहीं
● सोचने की क्षमता प्रभावित हो रही
● ध्यान लगाने में परेशानी आ रही
● याददाश्त खराब हो रही
● शरीर में ऊर्जा की कमी
● तनाव, चिंता या चिड़चिड़ापन की भावनाएं
● मधुमेह और मोटापा बढ़ा रहा
किसको कितने घंटे सोना जरूरी
आयु प्रतिदिन
0 से 3 माह 14 घंटे
4 से 12 महीने 12 से 16 घंटे
1 से 2 साल 11 से 14 घंटे
3 से 5 साल 10 से 12 घंटे
9 से 12 वर्ष नौ से 10 घंटे
13 से 18 वर्ष आठ घंटे
18 से 60 वर्ष सात घंटे